ज्ञान भंडार
सुखबीर बोले-राहुल के इशारे और कैप्टन की शह पर हुआ सरबत खालसा
मोगा। डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने कांग्रेस को खुली चुनौती देते हुए कहा कि सरबत खालसा के पीछे अपना हाथ होने से इनकार करने वाली कांग्रेस अगर सच्ची है तो दो दिन के अंदर रमनजीत सिंह सिक्की, किसान इकाई के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह जीरा और हरमंदर गिल को पार्टी से निकाले। मोगा में सद्भावना रैली के दौरान सुखबीर ने कहा कि गांधी परिवार शुरू से ही सिख और पंजाबियों के खिलाफ रहा है। सुखबीर बोले कि सत्ता में सपने संजोने वाली कांग्रेस ने 10 साल दांव पर लगा दिए, लेकिन अकाली सरकार ने तो 25 साल राज का वादा किया है, अभी 15 साल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार बाजवा हटाओ कैप्टन लाओ की पुकार करती रही है। मानो कैप्टन बब्बर शेर हो, लेकिन वह तो अब बूड़े शेर की श्रेणी में आ गया है। 2009 के बाद 2012 में भी कुश्ती में दो मिनट में पीठ लगवाने की भांति पहलवानी पटखनी दे चुके हैं, जबकि 2017 की तैयारी है।
पॉलिटिकल दुश्मनी रखना आदत नहीं: सीएम
सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि पॉलिटिकल दुश्मनी रखना उनकी आदत नहीं है। इसके चलते उनका कोई दुश्मन नहीं। इसके विपरीत कैप्टन द्वेष भावना की राजनीति करते हैं। उन पर और सुखबीर से लेकर कई वर्करों पर मुकदमे करवाए, लेकिन अकाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में किसी कांग्रेसी पर रंजिशन झूठा तो क्या सच्चा पर्चा भी दर्ज नहीं करवाया गया। सद्भावना रैली में सीएम ने कहा कि वह इससे पहले संगत से माफी मांग चुके हैं कि अगर जाने-अनजाने में गलती हो तो माफी मांगना गलत नहीं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी उनकी मां है और अगर पार्टी से गलत हो जाए तो माफ कर देना चाहिए। उनका हर सांस, खून की एक-एक बूंद और जिंदगी का आखिरी लम्हा भी अमन शांति बहाल रखने को समर्पित होगा। सीएम ने कहा कि जनता अब विकास चाहती है, उसे विद्रोही नीति और विचारधारा कतई पसंद नहीं। वहीं डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने कहा कि चुप रहने का मतलब यह नहीं कि वह डर गए हैं।
स्टैंड क्लियर करें कैप्टन: चुघ
भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी तरुण चुघ ने कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरिंदर विधायक रमनजीत सिंह सिक्की, किसान सेल के चेयरमेन इन्द्रजीत सिंह जीरा के सरबत खालसा में शामिल होने पर अपना स्टैंड क्लीयर करें। उन्होंने कहा, सभी जानते हैं कि राहुल के इशारे पर ही कांग्रेस सबरत खालसा में शामिल हुई थी लेकिन, ऐसी हरकतें पंजाब की सद्भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकती क्योंकि हमारी गुढ़ती में ही सद्भावना है। अकाली-भाजपा गठबंधन पंजाब की एकता और अखंड़ता का प्रतीक है।