सुपर रिच ट्रेडिशनल इंडियन फूड, इनमें छिपे हैं एक से बढ़कर एक गुण
घर पर बने ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की बात ही कुछ और है लेकिन अब वो दौर है जहां पारंपरिक भारतीय फूड्स और ब्रेकफास्ट में बनने वाली ट्रेडिशनल चीजों की जगह ओट्स और सीरियल्स ले रहे हैं तो खाने में रोटी और चावल की जगह क्यूनोआ अैर कुस्कुस पसंद किए जा रहे हैं।
हमारी दादी-नानी के जमाने में घी की महत्ता थी। मलाई और दही को मथकर वे क्रीम और मक्खन बनाया करती थीं। घर में बनी ये चीजें बेहद हेल्दी होती थीं लेकिन लो फैट, ट्रेटा पैक मिल्क जैसे प्रोडक्ट्स के आने के बाद घरों में वाइट बटर और देसी घी बनने बंद होने लगे हैं। हाल ही के वर्षों में तो इनकी मौजूदगी ही रसोई से गायब सी नजर आती है। जिस किचन में ये होते भी हैं तो शायद ही ये घर में बने हुए हो।
ऐसे करें शामिल इन्हें खाने में
घी और बटर को पराठे, ज्वार की रोटी के साथ खाएं।
एक चम्मच घी रोटी, चावल, खिचड़ी और दाल के साथ खाएं।
गाय के दूध से घर में बना वाइट बटर और घी बच्चों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
पौष्टिकता
सफेद बटर और घी में कुछ एंजाइम्स ऐसे हैं जिनमें एंटी-एजिंग प्रोपर्टीज होती हैं। ये स्किन को चमकदार बनाए रखते हैं,बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। ये मांसपेशियों हड्डियों के लिए भी अच्छे हैं। बटर विटामिन डी का शानदार स्र्रोत है।
वाइट बटर सीएलए यानी लाइनोलिक एसिड से भरपूर होता है जो बॉडी में फैट जमा होने से रोकता है और कमर के घेरे को बढऩे से रोकने में मददगार है। ये हार्ट हेल्दी भी है। घी में ओमेगा-3, 6,9 पर्याप्त मात्रा में होता है और इसमें फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं जो बॉडी में एचडीएल का स्तर सुधारते हैं।
ये पावर फूड्स ब्रेन के लिए शानदार हैं जो महिलाओं में हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखते हैं। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान और बाद में घी और बटर उनके लिए पोषण का शानदार स्रोत माने जाते हैं।
ताजा कोकम
भारत के समुद्री क्षेत्र में इसका इस्तेमाल विशेष रूप से किया जाता है। वजन कम करने में इसे बहुत फायदेमंद माना जाता है और ये कीमत में बहुत कम है। ताजा कोकम अब भारतीय बाजारों से गायब ही हो गई है।
ऐसे करें शामिल इन्हें खाने में
कोकम शानदार समर कूलर है। इसे गर्मियों में फल के रूप में खाया जा सकता है या फिर इसका शर्बत पीया जा सकता है।
कोकम बटर को स्किन मॉइश्चराजर के तौर पर इस्तेमाल करें।
इसका शर्बत माइग्रेन अटैक में भी फायदेमंद होता है।
सूखी कोकम को दाल या सब्जियों में खटाई के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
पौष्टिकता
कोकम में हाइड्रॉक्सी सिट्रिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये पाचन में फायदेमंद है और इम्युन सिस्टम को सुधारता है। इसमें फैट बर्निंग एजेंट्स होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखते हैं।
कोकम पावरफुल एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टिरियल भी है।
तेज गर्मी में ये शरीर की गर्मी को भी कम करके सामान्य ताप बनाए रखता है और मैटाबॉलिज्म भी बूस्ट करता है।
राजगिरा
राजगिरा क्यूनोआ की तरह ही सुपर फूड है। इसे रॉयल ग्रेन भी कहा जाता है। आमतौर पर इसे व्रत में खाया जाता है।
ऐसे करें शामिल इन्हें खाने में
इसे चिक्की या लड्डू बनाकर खाएं। खीर भी बनाई जा सकती है राजगिरे की।
राजगिरे की रोटी भी व्रत में खा सकते हैं।
पौष्टिकता
कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्रोत है जो बोन मिनरल डेंसिटी को सुधारता है और ऑस्टियोपोरोसिस से भी बचाव करता है।
इसमें फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो गर्भावस्था और मीनोपॉज में फायदेमंद होता है। ये हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखता है।
इसमें जरूरी अमीनो एसिड्स हैं जो मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और बॉडी में ज्यादा फैट का जमाव होने से रोकते हैं विशेषतौर से पेट के आसपास।
काजू एपल
गोवा की प्रसिद्ध लिकर फैनी काजू एपल से बनाई जाती है। इसे प्रिजर्व करने क ी प्रक्रिया में ये फल बड़ी मात्रा में खराब हो जाता है इसलिए ये बाजार में मुश्किल ही नजर आता है।
ऐसे करें शामिल इन्हें खाने में
गर्मियों में काजू एपल का जूस पीएं। जल्द ही काजू एपल हेल्थ ड्रिंक के तौर पर बाजार में मिलने लगेगा।
इस फल का अचार और चटनी भी बनाई जा सकती है। इसे प्रिजर्व भी किया जा सकता है।
पौष्टिकता
कैश्यू एपल विटामिन सी का शानदार स्रोत है। इसमें ऑरेंज के बराबर ही विटामिन सी पाया जाता है। काजू एपल को चबाने से मसूढ़े मजबूत होते हैं और दांतों की प्रॉब्लम खत्म होती है।
इसमें अमीनो एसिड्स बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं जो बॉडी में फैट कम करते हैं।
काजू एपल के जूस में प्रोबायोटिक बैक्टिरिया मौजूद होते हैं जो इम्युनिटी बढ़ाते हैं और सेरोटोनिन हार्मोन रिलीज करते हैं जो फीलगुड कराते हैं।
केले के फूल
केले के फूलों को आमतौर पर सेवन नहीं किया जाता है क्योंकि इसे लो कैलोरी कंटेंट माना जाता है।
ऐसे करें शामिल इन्हें खाने में
केले के फूलों की सब्जी बनाई जाती है। इसके अलावा स्ट्यू, स्टर फ्राई और फ्राइड पकौड़े आदि भी बनाए जाते हैं।
इसे ज्वार रोटी के साथ और भाकरी के साथ लंच या डिनर में खाया जाता है। ये अपने आप में कम्पलीट फूड है
पौष्टिकता
बनाना फ्लार मिनरल्स जैसे आयरन और कॉपर से भरपूर होते हैं। जो इंसुलिन सेंसेंटिविटी सुधारते हैं। ब्लड शुगर लेवल स्थिर रखता है।
मैग्रेशियम का बड़ा स्रोत है। ये प्राकृतिक एंटी-डिप्रेसेंट है और हार्ट प्रोटेक्टर भी। ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है।
फर्टीलिटी बढ़ाता है और मासिक चक्र को नियमित रखता है। मीनोपॉज के समय में होने वाली प्रॉब्लम्स में भी फायदेमंद होता है।