नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूपीपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने की याचिका खारिज कर दी है. कुछ सिविल सेवा अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने इस दौरान कहा कि इस मामले में पहले ही फैसला हो चुका है. यह मामला 24 फरवरी 2021 को सुनाए गए फैसले से संबंधित है. पीठ ने कहा कि उस फैसले में सब कुछ शामिल है. इसलिए मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. इस मामले पर जवाब पहले ही दिया जा चुका है. शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट में उन अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी जिनके कोरोना महामारी के चलते 2020 में अंतिम प्रयास पूरा हो चुका था. इसमें ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं, जो कोरोना महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका में थे. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि महामारी के दौरान व्यस्तता के कारण वह अच्छी तरह तैयारी नहीं कर सके थे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी 2021 को याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका देने से इनकार कर कर दिया था. जिनके लिए उम्र सीमा पिछली परीक्षा में समाप्त हो चुकी है. यह
पिछली सुनवाई पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कुल 34000 छात्र ऐसे हैं जिनके 2020 में अंतिम प्रयास समाप्त हो चुके हैं. ऐसे में यदि इन्हें अतिरिक्त मौका दिया जाता है तो सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 में शामिल होने के योग्य हो जाएंगे और इस साल परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का रास्ता रोकेंगे. इसके बाद अन्य अभ्यर्थी भी अतिरिक्त मौका मागेंगे.