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सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा-गवाह पेश करे या फिर कुशवाहा को दे जमानत

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
babusingh-kushwaha-bail_08_06_2015नई दिल्ली: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के आरोपी यूपी के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर सीबीआई तीन महींने में तीनों केस में 25 मुख्य गवाहों की कोर्ट में गवाही कराने में असफल रही तो ट्रायल कोर्ट जमानत दे दे। कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में फटकार लगाते हुए कहा कि गवाही के नाम पर आप दो साल और जेल में नहीं रख सकते। कुशवाहा तीन साल 8 महीने से जेल में बंद हैं। लगभग पांच हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा समेत यूपी के कई दिग्गत नेता फंसे हैं। पिछले महीने सीबीआई ने बसपा की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से भी लंबी पूछताछ की थी। कुशवाहा, मायावती के काफी करीबी माने जाते हैं। सीबीआई जांच के बाद मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सितंबर में कुशवाहा की 196 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी ने अपने कुर्की आदेश में आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कुशवाहा ने स्वास्थ्य योजना के लिए निजी कंपनियों की ठेके में हेरफेर करने में मदद की थी। ज्ञात हो कि 2012 से जेल में कैद बाबू सिंह कुशवाहा पर लखनऊ, नोएडा, दिल्‍ली और बांदा में अवैध तरीके से फ्लैट, जमीन और शापिंग मॉल बनाने का आरोप है। आरोप है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) हुए घोटाले की रकम से बाबू सिंह कुशवाहा ने ये संपत्तियां तैयार की हैं। करीब तीन साल तक चली जांच के बाद ईडी ने बाबू सिंह कुशवाहा की 196 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्‍त किया है। जांच में पाया गया कि ये कुशवाहा की ज्‍यादातर संपत्तियां उसके रिश्‍तेदारों और करीबियों के नाम पर हैं।

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