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सुप्रीम कोर्ट के कहा, तलाक के बाद एक-दूसरे के फोटो का कही भी इस्तेमाल ना करें

देश में तलाक के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा हैं. फेमिली कोर्ट के बाहर दंपतियों की लाइन लगी हुई हैं. तलाक के मुख्य कारणों में सोशल मिडिया का प्रमुख योगदान सामने आ रहा हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक दंपति को तलाक की मंजूरी देते हुए दोनों पर इंटरनेट और सोशल मीडिया समेत किसी भी स्थान पर एक-दूसरे की तस्वीर जारी करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व पति को दो महीने की अवधि के के अंदर महिला को 37 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश भी दिया.सुप्रीम कोर्ट के कहा, तलाक के बाद एक-दूसरे के फोटो का कही भी इस्तेमाल ना करें

तलाक के इस मामले पर सुनवाई के बड़ फैसला सुनाने वाली इस पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे. दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वे झगड़े को खत्म करना चाहते हैं और उनकी शादी खत्म की जाए. इसके बाद पीठ ने यह आदेश दिया.

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पति और पत्नी दोनों सोशल मीडिया या ऑनलाइन समेत किसी भी स्थान पर किसी भी तरह से एक-दूसरे की तस्वीर का उपयोग नहीं करेंगे. पति और पत्नी एक-दूसरे पर भविष्य में कोई दावा नहीं कर सकते. महिला ने अपने वकील दुष्यंत पाराशर के जरिये उस व्यक्ति से गुजारा भत्ता भी मांगा था.

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