आधार वैधता पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने मामला पांच सदस्यों की पीठ को सौंप दिया है। बेंच अब इस पर सुनवाई नवंबर के आखिरी हफ्ते में सुनवाई करेगी। सरकारी योजनाओं में लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर आज (30 अक्तूबर) को सुनवाई हुई थी। हालांकि, कोई कोर्ट ने मामले की सुनवाई टाल दी है।
दरअसल, आधार कार्ड लिंक करने की अनिवार्यता की समयसीमा सरकार ने 31 मार्च 2018 रखी थी और इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भी जानकारी दी गई। इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सूचित किया कि आधार को जोडने की समय सीमा दिसंबर के अंत में खत्म हो रही थी, जिसे बढ़ाकर अगले साल 31 मार्च कर दिया गया है।
गौरतलब है कि मोबाइल और बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता और इसकी संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने आधार को बैंक अकाउंट और मोबाइल से लिंक करने की अनिवार्यता को गैरकानूनी बताया है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि आधार कार्ड को बैंक अकाउंट से नहीं जोड़ने पर नागरिक पीएमएलए ऐक्ट के तहत अभियोजन के लिए उत्तरदायी हो जाएंगे।