सुप्रीम कोर्ट ने अखिलेश सरकार को किया तलब
लखनऊ(दस्तक ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने जातिसूचक टिप्पणियों के उत्पीड़न के मामले पर आश्चर्य प्रकट करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। जाति सूचक टिप्पणीयों के मुद्दे पर एक विधवा ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। महिला का दावा है कि जाति को लेकर उसके पति को इतना परेशान किया गया कि उसकी असमय जान चली गई।
जस्टिस एके पटनायक व जस्टिस जेएस खेहर की पीठ के समक्ष महिला ओमवीरी की ओर से अधिवक्ता डीके गर्ग ने कहा कि दयाराम निमेश की मौत मानसिक तनाव की वजह से हुए ब्रेन हैमरेज से हो गई। वह एक राष्ट्रीकृत बैंक में काम करता था। जहां साथ काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी उसे जातिसूचक टिप्पणियां कर लगातार परेशान करते थे।
अनुसूचित जाति का होने के कारण रोजाना उस पर अजीब तरह की फब्तियां कसी जाती थीं। अधिवक्ता ने कहा कि मेरी मुवक्किल ने जातिसूचक टिप्पणियों के मसले पर जब शिकायत की तो पुलिस ने अपनी ओर से आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बना दिया। लेकिन जांच में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पाया कि पुलिस ने अदालत के समक्ष आत्महत्या के लिए उकसाए जाने की जो रिपोर्ट दी थी वह पूरी तरह से गलत थी।