सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से पूछा कि बड़े डिफाल्टरों के नाम क्यों न सार्वजनिक किए जाएं?
एजेन्सी/ नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों के लोन लेकर ना चुकाने वाले डिफाल्टरों के मामले में RBI पर उठाए सवाल हैं। कोर्ट ने आज एक सुनवाई में कहा कि लोग सरकारी बैंकों से हजारों करोड़ लोन लेकर डिफाल्टर हो जाते हैं और कंपनियों को बंद कर देते हैं और खुद दीवालिया घोषित कर देते हैं। वहीं, कई गरीब किसान हैं जो थोड़ा सा पैसा उधार लेते हैं और उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाती है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि RBI बैंकों का रेगुलेटर भी है और उसे देखना होता है कि जनता का पैसा कहां जा रहा है। क्या आपके पास ऐसा कोई तरीका है कि आप बैंकों के गलत तरीके से लोन दिए जाने पर कार्रवाई हो सके।
कोर्ट ने कहा कि बैंक कैसे ऐसे व्यक्ति को लोन दे सकते हैं जिनके लोन चुकाने की उम्मीद ही ना हो। ये जानते हुए भी कि जो संपत्ति वो गिरवी रखते हैं वो पहले ही किसी के पास गिरवी रखी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन बैंक एसोसिएशन और वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी कर पूछा, कि क्या RBI को दी गई डिफाल्टर लिस्ट को सावर्जनिक किया जा सकता है। या नाम और राशि को गुप्त रखा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने RBI की रिपोर्ट देखने के बाद चिंता जताते हुए कहा, लोन की राशि बहुत बड़ी है। मैं हैरान हूं कि क्या ये राशि सावर्जनिक किए जा सकते हैं? RBI का कहना है कि ये राशि या नाम सावर्जनिक नहीं किए जा सकते। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
आज सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़े लोन वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। RBI ने कहा कि रिपोर्ट सावर्जनिक नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।