सुप्रीम कोर्ट ने इतालवी नौसैनिक सल्वाटोर को वतन लौटने की दी अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने केरल में भारतीय समुद्री इलाके में दो मछुआरों की हत्या के आरोपी इतालवी नौसैनिक सल्वाटोर गिरोने की वतन वापसी की गुरुवार को सशर्त अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन खंडपीठ ने गिरोने की याचिका स्वीकार करते हुए उसे इटली जाने की अनुमति दी। हालांकि कोर्ट ने अपने देश पहुंचते ही वहां पासपोर्ट जमा कराने और प्रत्येक माह इतालवी पुलिस के समक्ष अपनी मौजूदगी की जानकारी देने का भी निर्देश दिया।
भारतीय दूतावास को नियमित रूप से सौंपेगी रिपोर्ट
न्यायालय ने कहा कि इतालवी पुलिस संबंधित रिपोर्ट इटली स्थित भारतीय दूतावास को नियमित रूप से सौंपेगी। शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा ने याचिका का कोई विरोध नहीं किया। उन्होंने दलील दी कि समुद्री कानून से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में इस हत्याकांड की सुनवाई के अधिकार क्षेत्र के निपटारे तक गिरोने को इटली वापस जाने देने का आदेश दिया है।
नरसिम्हा ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र संधि पर हस्ताक्षर कर रखे है, ऐसी स्थिति में यह अंतरराष्ट्रीय पंचाट के आदेश पर अमल करने के लिए बाध्य है। इतालवी नौसैनिक ने अपनी याचिका के जरिए कोर्ट से आग्रह किया था उसे उसके देश भेज दिया जाए।
2018 तक आएगा फैसला
याचिकाकर्ता का कहना था कि उसका मामला अब अंतरराष्ट्रीय पंचाट में लंबित है, जिस पर दिसंबर 2018 तक फैसला आएगा, इसलिए उसे जमानत देकर उसके देश इटली जाने की अनुमति दी जाए। वर्ष 2012 में कोच्चि स्थित भारतीय समुद्रीय क्षेत्र में हुई हत्या के दो आरोपियों में से एक मैसिमिलानो लाटोरे पहले से ही इटली में है। उसे खराब स्वास्थ्य के आधार पर उपचार के लिए उसके देश जाने की अनुमति दी गई थी।
दोनों नौसैनिकों ने केरल के दो समुद्री मछुआरों को लुटेरा समझकर गोली मार दी थी। इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया था और उन पर पटियाला हाउस अदालत में मामला विचाराधीन है।