नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आईटी एक्ट की धारा 66ए को खत्म कर दिया है। अब सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख देने पर तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी। इस धारा के तहत पुलिस को ये अधिकार था कि वो किसी भी सोशल मीडिया यूजर को उसके द्वारा लिखी गई किसी ऐसी बात पर गिरफ्तार कर सकती थी जो उसे आपत्तिजनक लगे, या इस बात पर कोई शिकायत दर्ज कराए। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, पुलिस को इस तरह की गिरफ्तारी से पहले मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी।
दिल्ली की लॉ की छात्रा श्रेया सिंघल ने महाराष्ट्र के पालघर में दो लड़कियों की गिरफ्तारी के बाद ये याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि इस तरह किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद श्रेया की मां और वकील मनाली सिंघल ने भी इस पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अब लोग खुल कर इंटरनेट पर अपने विचार रख पाएंगे। श्रेया सिंघल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की सुरक्षा की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई हेट स्पीच देता है तो उससे अन्य कानूनों से जरिए निबटा जाए। उन्होंने कहा कि अब लोग कम से कम खुल कर अपनी बात रख पाएंगे और जेल जाने का डर खत्म होगा।