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सुबह-सुबह हिल गया राजस्थान, जिंदा जले लोग

img_20161129100558अजमेर: यहां हाइवे पर एक ढाबे के बाहर खड़े कोयले से भरे एक ट्रेलर बीती आधी रात को अचानक आग भभक उठी। इससे ट्रेलर के केबिन में सो रहे चालक और खलासी जिंदा जल गए और बचने का मौका भी नहीं मिला।

 ढाबे पर खड़े दूसरे ट्रक चालकों ने उन्हें बाहर निकालने के लिए भी दौड़े, लेकिन ट्रेलर का केबिन अंदर से लॉक होने के कारण वे भी बचा नहीं सकें और जिंदा जलकर मौत हो गई। 
हादसा रविवार आधी रात करीब 12 बजे नेशनल हाइवे आठ पर बिछीवाड़ा लेहणा घाटी पर हुआ। ट्रेलर गुजरात के जामनगर से कोयला लेकर निंबाहेड़ा जा रहा था। रात करीब 10 बजे लेहणा घाटी पर जयकिशन ढाबे पर ट्रेलर रोका।  चालक सरगांव थाना भिनाय जिला अजमेर निवासी वीरम सिंह और खलासी राजू ने ढाबे पर खाना खाया। इसके बाद करीब 11 बजे दोनों ट्रेलर के केबिन में ही सो गए। उनके साथ एक और ट्रेलर भी जामनगर से निंबाहेड़ा के लिए था।
आधी रात को ट्रेलर के केबिन में अचानक आग लग गई। केबिन से आग की लपटे उठने लगी, तो ढाबे पर खड़े दूसरे वाहन चालकों ने देखा और दौड़ पड़े। ढाबा मालिक के पानी की मोटर चलाकर आग बुझाने के प्रयास किए।
दूसरे साथी ट्रेलर चालक सरगांव अजमेर निवासी सत्यनारायण ने केबिन का दरवाजा खोलने का प्रयास भी किया, लेकिन अंदर से लॉक होने के कारण नहीं खोल सकें। वहीं ट्रेलर में सोए चालक वीरम सिंह गुर्जर और खलासी राजू जिंदा चल रहे थे।
दोनों केबिन के अंदर ही चिल्ला रहे थे, लेकिन उन्हें भी दरवाजा खोलने की सूझ तक नहीं आई। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सूचना पर बिछीवाड़ा थाने से थानाधिकारी दलपतसिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। जले हुए शव को केबिन के कांच तोड़कर बाहर निकाला। अजमेर से सोमवार सुबह मृतक के परिजन बिछीवाड़ा पहुंचे। मौके पर ही शव के पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिए गए।
अजमेर निवासी मृतक वीरम सिंह के दो पुत्र है। वीरम सिंह पिछले कई सालों से ट्रेलर चलाने का काम ही करता है।पिता की मौत के बाद बेटों के सिर से पिता का साया उठ गया। मृतक खलासी राजू की 5 साल पहले ही शादी हुई थी, लेकिन अब तक उसके कोई बच्चा नहीं है। वह वीरम के साथ ही खलासी करता था।
 

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