सुसाइड वीडियो बना कोटा में छात्र ने की आत्महत्या
कोटा। राजस्थान के कोटा में निराश बिहारी छात्रों की आत्महत्या (सुसाइड) के मामले थमते नजर नहीं आ रहे। ताजा घटना बिहार के हाजीपुर निवासी एक छात्र अमन गुप्ता की आत्महत्या का है। उसने घटना के पहले रोते हुए अपनी सेल्फी वीडियो बनाई, फिर चंबल नदी में छलांग लगा दी। अमन कोटा के एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट में मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट के लिए कोचिंग कर रहा था।
गुरुवार की देर रात कोटा में एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली। घटना का कारण पढ़ाई से उपजा तनाव व माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाना रहा। आत्महत्या के पहले उसने दोस्तों से बात की। फिर चंबल नदी के किनारे जाकर सेल्फी वीडियो बनाया। वीडियो में उसने अपने दिल की बात कही।
सुसाइड वीडियो में कही ये बातें…
आत्महत्या के पहले बनाए वीडियो में उसने रोते हुए माता-पिता और छोटे भाई को याद करता रहा। कहा, ”मुझे माफ कर देना। मैं वो नहीं कर पाया, जिसकी आपको उम्मीद थी। छोटू तू अच्छे से पढ़ना, कोई गलत काम मत करना। नाम कमाना। ”
सुसाइड वीडियो में उसने कहा, ”मां मुझे माफ कर देना। बहुत आगे जाना चाहता था मैं। हमसे नहीं होगा अब। बहुत आगे जाना चाहता था। हम बहुत गलत हैं। हम गलत हों या सही, पिताजी ने हमेशा साथ दिया। लास्ट बार कह रहे हैं, हम गलत थे और कुछ नहीं कर पाए। छोटू मेरे भाई, तुम अच्छे से पढ़ना। मेरी तरह गलत काम मत करना। तुम्हें बहुत आगे जाना है। बिना कोई गलत काम किए। पढ़ाई करना, मन लगाकर। नाम कमाना।” हम तो कभी नहीं पढ़ पाएंगे। कुछ नहीं कर पाएंगे मुझे माफ कर देना। और भावावेग में नदी में कूद गया।
परिवार को दे दी गई सूचना
जानकारी के अनुसार अमन के माता-पिता को घटना की सूचना दे दी गई है। उनकी सहमति के बाद मोर्चरी में रखी अमन की लाश का पोस्टमार्टम होगा।
इस साल 14 सुसाइड
विदित हो कि कोटा में साल 2016 में किसी छात्र की यह 14वीं सुसाइड है। इसके पहले पिछले साल 31 छात्रों ने सुसाइड की थी। छात्रों का मानसिक दबाव कम करने के लिए कोटा में कई एक्टिविटीज शुरू की गई हैं। कोचिंग संस्थाओं में ओरिएंटेशन के साथ फिल्में, बर्थडे पार्टी, फेयरवेल पार्टी, वीक ऑफ जैसे कई आयोजन किए जा रहे हैं। दोस्तों की गेट टुगेदर हो रही है। फिर भी घटनाएं नहीं थम रही हैं।
छात्र झेल नहीं पा रहे दबाव
आम राय है कि यह पढ़ाई के साथ पारिवारिक व सामाजिक दबाव भी है, जिसे छात्र नहीं झेल पा रहे हैं। कोटा के महंगे कोचिंग संस्थानों में दाखिले के लिए बिहार के कई माता-पिता घर-जमीन या गहने गिरवी रखकर या बेचकर बच्चों को कोचिंग करा रहे हैं। ऐसे में जब असफलता मिलती है तो छात्र पूरी तरह टूट जा रहे हैं। मन में अपराध बोध भी उपज रहा है। परिणाम आत्महत्या के रूप में सामने आ रहा है।