‘सूखा पड़ा है श्रीहरि विष्णु का क्षीर सागर’
वाराणसी : रामनगर के रामबाग क्षेत्र में सुमेर मंदिर स्थित है। इस मंदिर के सामने विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला के प्रथम लीला के मंचन के अंतर्गत क्षीर सागर की झांकी का मंचन होता है। मगर जिस क्षीर सागर में भगवान विष्णु यहां विराजते थे वह पोखरा पूरी तरह सूख गया है। ऐसे में क्षेत्रीय लोग काफी निराश हो गए हैं। दरअसल क्षीर सागर की झांकी के मंचन के लिए लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व महाराजा उदित नारायण सिंह ने दस बीघा में विशालकाय पोखरा का निर्माण करवाया और श्रद्धालु को क्षीर सागर की झाकी देखने के लिए पोखरे के चारों तरफ पत्थर की सुंदर सीढि़यों को भी बनवाया। दुर्ग प्रशासन के जानकारों की मानें तो पोखरा हमेशा जल से भरा रहे इसके लिए पोखरे के सतह पर सात कुएं भी खोदवाए गए थे। इसके साथ ही गंगा नहर की शाखा से भी नहर बनाकर उसे जोड़ा गया था लेकिन कुएं तो सतह पर होने के कारण शायद मिट्टी से पट चुके हैं। वहीं जिस नहर के रास्ते पोखरा में पानी आता था उसे भी कुछ दबंगों ने दशकों पूर्व पाटकर वैध तरीके से कब्जा कर रखा है। इसके चलते पोखरे में हर तरफ से पानी का आना पूरी तरह बंद हो गया है, जो थोड़ा बहुत जल बचा भी था वह भी भीषण गर्मी के कारण सूख गया। स्थानीय निवासियों ने बताया पोखरा आज तक सूखा नहीं था। अब तो क्षीर सागर को देवराज इंद्र ही जलप्लावित कर सकते हैं। यानी अच्छी वर्षा होने पर ही भगवान विष्णु का क्षीर सागर जल से परिपूर्ण हो सकता है।