सूर्यग्रहण: गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर पड़ता है बुरा असर, जानिए कारण
जुलाई का महीना खगोल शास्त्रियों के साथ-साथ ज्योतिष के हिसाब से भी बेहद खास माना जा रहा है अगले माह 2 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 16 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण पड़ेगा। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, जबकि चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा। जब सूर्य और राहु की युति होती है तो ग्रहण का योग बनता है। इन दिनों राहु मिथुन राशि में चल रहा है। राहु पुनर्वसु नक्षत्र और मिथुन राशि में है।15 जून को शाम 5.40 बजे सूर्य मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा और वहां 16 जुलाई तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह ग्रहण गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने के लिए शुभ नहीं हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जुलाई माह में इस बार दो ग्रहण पडने जा रहे हैं। इसमें पहला 2 जुलाई 2019 को सूर्य ग्रहण और 16 जुलाई 2019 की रात को चंद्रग्रहण पड़ेगा। सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। जबकि चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि 2 जुलाई को हलहारिणी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण पड़ेगा। यह सूर्य ग्रहण साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। क्योंकि जिस समय सूर्य ग्रहण पड़ेगा उस समय भारत में रात होगी।
हिंदू ज्योतिष के अनुसार 2 जुलाई को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान मिथुन राशि में राहु के आद्र नक्षत्र लग में लग रहे हैं। वहीं चंद्रग्रहण भारत सहित कई देशों में देखने को मिलेगा। वहीं हिंदू शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं की कुंडली में ग्रहों की दिशा बदल सकती हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य और होने वाले बच्चे पर असर पड़ सकता है. इसलिए भले ही भारत में ग्रहण का सूतक न लग रहा हो, इसके बावजूद गर्भवती महिलाओं पर उनकी कुंडली और ग्रहों के अनुसार फर्क पड़ सकता है।
16 जुलाई को खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा जो संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण काल में पूजन से ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक इस प्रकार से दो ग्रहण जुलाई माह में पड़ेंगे। ग्रहण योग का प्रभाव भारतीय राजनीति पर पड़ेगा। मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर राशि वाले राजनीतिज्ञ विशेष रूप से प्रभावित होंगे। तुला, कुंभ, मीन राशि वालों को ग्रहण का फायदा होगा। यह ग्रहण जहां उत्तर भारत में तीव्र गर्मी में वृद्धि करेगा वहीं धूल भरी आंधी और वर्षा भी होगी।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तब पृथ्वी पर सूर्य से आने वाला प्रकाश रूक जाता है। इस स्थिति को सूर्य ग्रहण करते हैं। इस बार यह सूर्यग्रहण 4घंटे 33 सेकेन्ड तक रहेगा। जबकि 16 जुलाई का दोपहर 3 बजे से चन्द्रग्रहण प्रारंभ होगा जो कि 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।