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सूर्य की तपिश व लू के थपेड़ों से जनजीवन के साथ पशु-पक्षी भी बेहाल

लखनऊ : अप्रैल माह के अन्तिम दिनों में गर्मी से अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जैसे-जैसे अप्रैल माह समाप्ति की ओर जा रहा है वैसे-वैसे गर्मी अपने पूरे शबाब पर पहुॅच रही है। आसमान से बरसती आग ने लोगों को घरों में कैद होने पर विवश कर दिया है। सोमवार की सुबह भी हवा से ठंड गायब रही। हवा में भी पसीना रूक नहीं रहा। गर्म हवाओं व तपिश से व्याकुलता के चलते सड़के वीरान रहीं। मालूम हो कि बीते एक सप्ताह से प्रतिदिन बढ़ रहे पारे से बेहाल लोग कूलर व एसी की शरण में नजर आ रहे हैं। प्रचण्ड गर्मी से लोग बेहाल रहे। सुबह होते ही सूर्य देवता अपने उग्र रूप के साथ बाहर आये। आलम ऐसा है कि दिन के 10 बजे से आसमान से आग बरसने लगी। दोपहर होते-होते एक बजे तक पारा लोग को बुरी तरह परेशान करने की स्थिति में पहुंच गया। बाहर की कौन कहे, घरों की तपती दीवारें व छतें भी लोगों को बेहाल कर रहीं हैं। घरों में गर्मी से बचने के उपाय के लिये लगे कूलर-पंखे भी जवाब दे रहे हैं। रोजमर्रा के काम काज भी भारी पड़ रहे हैं। आवश्यक कार्यो से घरों से बाहर निकलने वाले तेज धूप से बचने के लिए सिर व मुंह को अंगौछे से बांधकर निकलना मजबूरी बना हुआ है। मौसम की तल्खी और गर्म हवाओं के थपेड़ों के चलते दोपहर में सड़कों की हलचल थम सी गई। लोग जहां-तहां ठहर गये। बहुतेरे लोग शर्बत व शीतल पेय की दुकानों में पनाह लिए नजर आए। गर्मी में बर्फ की मांग बढ़ने के कारण गले को तर करने में सहायक इस साधन का दाम भी आसमान छुने लगा है। गर्मी के चलते जनजीवन बेहाल रहा। वहीं पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी नहीं बख्शा है। पशु-पक्षी भी बूॅद-बूॅद पानी के लिए नाले-नालियों व जलाशयों के आस-पास देखे जा रहे हैं। लोगों का कहना रहा कि अभी अप्रैल माह में गर्मी का यह हाल है तो मई और जून में क्या होगा।

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