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सेना प्रमुख बोले- अगर जीतू फौजी के खिलाफ सबूत होगा तो पुलिस के सामने लाएंगे

सर्जिकल स्ट्राइक की निगरानी करने वाले तत्कालीन नॉर्दर्न कमांड के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ  लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा (सेनानिवृत्त) ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का काफी प्रचार किया गया। उन्होंने खास बातचीत में कहा था कि ऑपरेशन को सार्वजनिक करने का फैसला सरकार का था, लेकिन मेरा मानना है कि इस ऑपरेशन का अब राजनीतिकरण ठीक नहीं है।

सेना प्रमुख बोले- अगर जीतू फौजी के खिलाफ सबूत होगा तो पुलिस के सामने लाएंगे

जनरल हुड्डा के बयान पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत का बयान आया है। उनका कहना है कि वह हुड्डा के शब्दों की इज्जत करते हैं। रावत ने कहा, ‘यह एक व्यक्ति की अपनी निजी धारणा है इसलिए इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। वह उन प्रमुख व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्होंने इस ऑपरेशन का संचालन किया इस वजह से मैं उनके शब्दों का बहुत सम्मान करता हूं।’

बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जवान जीतेंद्र मलिक के बारे में किसी भी अपडेट के बारे में पूछे जाने पर सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘यदि उसके खिलाफ कोई सबूत है और पुलिस को लगता है कि वह संदिग्ध है तो हम उसे उनके सामने पेश कर देंगे। हम पूरी तरह से पुलिस का सहयोग करेंगे।’

बता दें कि अमर उजाला से खास बातचीत में हुड्डा ने कहा था, सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन को सार्वजनिक किया गया, यह सरकार का फैसला था, लेकिन मेरा मानना है कि इस ऑपरेशन का अब राजनीतिकरण ठीक नहीं है। सेना बहुत से ऑपरेशन करती रहती है, लेकिन इन सैन्य अभियानों का इस्तेमाल यदि राजनीतिक फायदा लेने के लिए किया जाए, तो ये देश और सेना दोनों के लिए उचित नहीं है।

उन्होंने कहा था कि राजनीतिक और सेना के मुद्दों को अलग-अलग ही रखना बेहतर होगा। उन्होंने आगे कहा था कि सभी सैन्य ऑपरेशन्स को भी सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन इस ऑपरेशन की परिस्थितियों ऐसी थी कि इसे सार्वजनिक करना पड़ा। क्या केंद्र सरकार इस ऑपरेशन के लिए राजी थी, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया था कि सैन्य अभियानों को चलाना सेना का फैसला होता है, लेकिन इस तरह के बड़े अभियानों पर मुहर प्रधानमंत्री ही लगाते हैं।

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