सेल्फी लेने वालों के लिए बुरी खबर, अगर लखनऊ में ऐसा करेंगे तो जाना पड़ेगा जेल
लखनऊ। सोशल मीडिया के सरपट दौड़ते दौर में सेल्फी ने अलग मुकाम बना लिया है। लखनऊ के एक क्षेत्र में सेल्फी लेने वालों के लिए बेहद बुरी खबर है। अगर यहां आप सेल्फी या फिर फोटो खींचते पकड़े गए तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास के पास, पांच कालीदास मार्ग पर अगर आपने सेल्फी लेने की कोशिश की तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। प्रदेश सरकार इसपर बेहद सख्त है। इस बाबत कालीदास मार्ग पर चेतावनी वाले बोर्ड की लग गए हैं। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास, पांच कालीदास के आस-पास सेल्फी लेना आपको जेल की सैर करा सकता है।
योगी सरकार ने कुछ ऐसा फैसला लिया है जो शायद युवाओं को ज्यादा पसंद नहीं आयेगा। लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर अब से किसी को भी सेल्फी लेने की इजाजत नहीं होगी। मुख्यमंत्री आवास पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसी को भी सेल्फी लेने पर बैन लगा दिया है। साथ ही लोगो को सूचित करने के लिए सीएम आवास के बाहर सड़क पर एक बोर्ड भी लगा दिया गया है। यूपी पुलिस ने कहा कि हाई सिक्योरिटी जोन होने के कारण ऐसा फैसला लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बेहद खतरा है, इस बाबत कल देर शाम सीएम आवास 5 कालिदास मार्ग जाने वाली सड़क पर एक बोर्ड लगाया गया है। जिसमें साफ लिखा है कि इस वीआईपी इलाके में फोटो या सेल्फी लेना प्रतिबंधित है और अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा करते पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बोर्ड की तस्वीर वायरल होते ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी यूपी पुलिस की इस कारस्तानी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका। अब सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार के इस फैसले पर ट्वीट कर चुटकी ली है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी सदन से लेकर सड़क तक सरकार के फैसलों का विरोध कर रही है।
गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने जहां इस बोर्ड को लगाया है। उसे मायावती के शासन काल में बनवाया गया था। इस रास्ते से आमजन के आने-जाने पर प्रतिबंध था। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनते ही इस रोड को आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। लंबे समय बाद कालीदास मार्ग पर एक बार फिर से चेतावनी वाला बोर्ड लगने से आज वहां से अक्सर ही गुजरने वाले लोग बेहद सावधान हो गए हैं। अब यह लोग अपना रास्ता बदलने के प्रयास में हैं। गौरतलब है कि योगी सरकार ने विधानसभा में यूपीकोका विधेयक पेश किया है।