दस्तक टाइम्स/एजेंसी:
त्रिफला एक आयुर्वेदिक दवा है। त्रिफला अमलकी, हरीतकी और विभतकी का मिश्रण है। इसका कई दवाओं में उपयोग किया जाता है। आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि आयुर्वेदिक दवाओं की किताब, चरक सहिंता में सबसे पहले अध्याय में ही त्रिफला के बारे में उल्लेख किया गया है। त्रिफला कई रोगों से बचाव करने में कारगर है…
त्रिफला शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी होती है वे बार-बार बीमार पड़ते हैं। त्रिफला से शरीर में एंटीबॉडीज बढ़ते हैं। जो शरीर में एंटीजन के खिलाफ लड़ते हैं और बॉडी को बैक्टीरिया मुक्त रखते है। त्रिफला से टी-हेल्पर कोशिकाओं भी शरीर में बढ़ती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। त्रिफला शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में बढ़ावा देती है, जो कि किसी भी संक्रमण से लडऩे में सक्षम होती है।
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर त्रिफला सेल्स के मेटाबॉल्जिम को नियमित रखते हैं। यह एक बेहतरीन एंटी एंजिग भी है। पाचन संबंधी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं, खासतौर पर अपच की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है। त्रिफला खाने से आंतों से जो पित्त रस निकलता है, जिससे अपच खत्म होती है। इसे खाने से कब्ज की काफी पुरानी समस्या भी दूर भाग जाती है। त्रिफला से शरीर डीटॉक्सीफाई होता है। पेट में कीड़े या संक्रमण होने पर त्रिफला खाने से राहत मिलती है। अगर शरीर में रिंगवॉर्म या टेपवॉर्म हो जाते है तो भी त्रिफला कारगर है। इसके अलावा त्वचा की समस्या होने पर भी त्रिफला कारगर है। यह शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण को होने से रोकता है।
एनीमिया में भी त्रिफला कारगर है। त्रिफला शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ा देता है। मधुमेह में भी यह प्रभावी भूमिका निभाता है। यह पेनक्रियाज को उत्तेजित करता है, जिससे इंसुलिन उत्पन्न होता है। मोटापा कम करना है, तो त्रिफला का सेवन करें। यह शरीर से वसा कम करता है।
सांस सम्बंधी समस्याओं में भी त्रिफला कारगर है। इसके सेवन से सांस लेने में होने वाली असुविधा भी दूर हो जाती है। सिरदर्द कम करने में मददगार है त्रिफला। सिरदर्द रहता है, तो त्रिफला खाएं। त्रिफला से कैंसर का इलाज संभव है। त्रिफला में एंटी-कैंसर गतिविधियां पाई गई है।