सैद्धांतिक रूप से पेट्रोलियम पदार्थों को GST में आना चाहिए : धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली: सरकार ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में आना चाहिए, लेकिन इस बारे में देश के संघीय स्वरूप को देखते हुए केंद्र कोई चीज राज्यों पर थोंपना नहीं चाहता, क्योंकि राज्यों के विचारों का महत्व होता है।
हम राज्यों पर कोई चीज थोपना नहीं चाहते
लोकसभा में निशिकांत दूबे के पूरक प्रश्न के उत्तर में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर कई बैठकें हुई, राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया। भारत का संघीय स्वरूप है और हम राज्यों पर कोई चीज थोपना नहीं चाहते हैं।
सैद्धांतिक रूप से मानते हैं कि पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी में आएं
मंत्री ने कहा कि राज्यों को 10 से 12 प्रतिशत राजस्व पेट्रोलियम क्षेत्र से प्राप्त होता है, ऐसे में हम कोई चीज लाद नहीं सकते। हम सैद्धांतिक रूप में मानते हैं कि इसे (पेट्रोलियम पदार्थ) जीएसटी में आना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने के अनुरूप देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत कम नहीं किए जाने के पी करुणाकरण के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटी हैं और इसी के अनुरूप हमने भी 19 बार पेट्रोल की कीमत घटाई और सात बार बढ़ाई, डीजल की कीमत 15 बार घटाई और आठ बार बढ़ाई।
उन्होंने कहा कि हम पेट्रोलियम पदार्थ पर कर का कुछ पैसा विकास एवं कल्याण योजनाओं के लिए रखते हैं। मंत्री ने कहा कि रिफायनरी से बाहर निकलते वक्त पेट्रोलियत पदार्थों की लागत 48 प्रतिशत है जबकि कर करीब 52 प्रतिशत है। इसमें केंद्र का कर करीब 32 प्रतिशत और राज्य का कर 20 प्रतिशत है।