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सैन्य वर्दी की बिक्री पर सख्ती हुई भारतीय सेना

army-uniform-56913d66baa49_exlstजिला प्रशासन के साथ अब सेना ने भी सैन्य वर्दी का सिविलियंस द्वारा इस्तेमाल करने को अवैध घोषित किया है। हालांकि इसकी बिक्री दुकानदारों और युवाओं दोनों को ही रास आती है।

युवाओं और कालेज के विद्यार्थियों में सेना की वर्दी का खासा उत्साह रहता है। वह सेना के ट्रोजर और जैकेट आदि पहनते हैं। सेना की नई गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी आम नागरिक को इसकी बिक्री अवैध करार दी गई है।

जानकारी के अनुसार शहर के सतवारी, गुम्मट, रेलवे स्टेशन के बाहर, नरवाल तथा सांबा में कई दुकानें हैं। जहां आर्मी की वर्दी और अन्य सामान बिकते हैं। जिला प्रशासन की ओर से दुकानदारों को इन्हें बेचने के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है।

लेकिन हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने जिला प्रशासन को सूचित किया कि शहर में बहुत से ऐसे दुकानदार हैं, जो बिना अनुमति के सैन्य वर्दी बेचते हैं। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी किया गया।

इसमें कहा गया कि शहर में प्रत्येक दुकानदार जो सेना से जुड़ा सामान बेचता है। वो 15 दिन संबंधित थाने में बताएगा कि किसको और कितनी वर्दी बेची। इसका पूरा पता देना होगा।

इसके लिए एक रजिस्टर तैयार करने को कहा गया जिसमें खरीदने वाले का नाम पता, पहचानपत्र सबका ब्योरा रखने को कहा गया है।

वहीं शहर के सतवारी क्षेत्र में अधिकारियों तथा जवानों के कपड़े सिलने वाले दर्जियों के पास सिविलियंस की ओर से यूनिफार्म बनाने के आर्डर इक्का दुक्का ही हैं।

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