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सैलरी मिलने वालो के लिए सूचनाः शुरू हुआ इंवेस्टमेंट प्रूफ

अगर आप किसी तरह की नौकरी में है और मिलने वाली सैलरी आयकर के दायरे में आती है, तो इसके लिए इंवेस्टमेंट प्रूफ जमा करना जरूरी होता है। इंवेस्टमेंट प्रूफ जमा करने का वक्त दिसंबर के अंत से लेकर के मार्च तक चलता है। ये आपकी कंपनी पर निर्भर करता है कि वो किस तारीख तक आपसे इंवेस्टमेंट प्रूफ जमा करने के लिए कहती है। बहुत से लोगों को पता नहीं होता है कि कौन-कौन से डॉक्यूमेंट इसमें जमा करने होते हैं और इसके चक्कर में वो आखिरी वक्त तक परेशान होते हैं। हम आपको आज बताने जा रहे हैं, उन इंवेस्टमेंट प्रूफ के बारे में जिनका इस्तेमाल करके आप टैक्स सेविंग कर सकते हैं।
सैलरी मिलने वालो के लिए सूचनाः शुरू हुआ इंवेस्टमेंट प्रूफ
क्यों जरूरी है इंवेस्टमेंट प्रूफ को रखना
मार्च से पहले कंपनी का एचआर आपसे पिछले 9 महीनों में किए गए इंवेस्टमेंट प्रूफ की कॉपी मांगता है, ताकि वह आपके द्वारा टैक्स बचाने के लिए किए गए इंवेस्टमेंट की जांच कर ले। आपकी कंपनी आपको बाद में टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए ऐसा करती है। कंपनी हर महीने आपकी सैलरी से टैक्स काटती है, लेकिन मार्च से पहले उसे आपके द्वारा किए गए इंवेस्टमेंट डिक्लेरेशन को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा करना होता है। ऐसा करने से कंपनी और आपको आगे चलकर कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़ती है।

बीमा पॉलिसी ली है तो सब्मिट करें ये इंवेस्टमेंट प्रूफ

अगर आपने इस साल लाइफ या हेल्थ पॉलिसी में इंवेस्टमेंट किया है तो आपको प्रीमियम की रसीद देनी होगी। हेल्थ पॉलिसी की अवधि में अगर आप या फिर आपके परिवार के किसी सदस्य ने अस्पताल में इलाज कराया है तो उसकी रसीद भी देनी होगी। इसके अलावा अगर आपने कोई हेल्थ चेकअप करवाया है तो उसका बिल भी देना होगा।

लोन लिया है तो पड़ेगी इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत 
अगर आपने इस साल किसी भी तरह की प्रॉपर्टी में निवेश किया है और इसके लिए बैंक या एनबीएफसी कंपनी से लोन लिया है तो फिर टैक्स सेविंग के लिए लोन रिपेमेंट का प्रूफ देना होगा। अगर इस साल में घर का पजेशन मिल गया है तो आप इस पर भी टैक्स में छूट ले सकेंगे। इसके लिए आपने रजिस्ट्री के वक्त जो स्टांप ड्यूटी चुकाई है, उसका प्रूफ अपनी कंपनी को देना होगा।

बच्चों की पढ़ाई पर हुए खर्च पर भी मिलती है टैक्स छूट
बच्चों की पढ़ाई के वास्ते लिया एजूकेशन लोन का रिपेमेंट करने पर भी आपको टैक्स में लाभ मिलता है। इस तरह की छूट लेने के लिए आपको अपने बैंक से रिपेमेंट की रसीद लेनी होगी और ऑफिस में जमा कराना होगा। बच्चे की स्कूल फीस का पेमेंट किया है तो इसकी भी ओरिजनल रसीद जमा करनी होगी।

NPS,NSC में निवेश करने पर जमा करें पासबुक या अकाउंट स्टेटमेंट

 इस वित्त वर्ष में अगर आपने नेशनल पेंशन सिस्टम, नेशनल सेविंग स्कीम, म्युचुअल फंड, पीपीएफ में इंवेस्टमेंटकिया है तो इनकम टैक्स में सेविंग के लिए आप इसका प्रूफ भी अपने ऑफिस में जमा करें। इसके लिए आप इनका अकाउंट स्टेटमेंट अथवा पासबुक की फोटोकॉपी को जमा कर सकते हैं।

एचआरए के लिए जमा करें रेंट रसीद
अगर आप किराये के मकान में रहते हैं तो भी आप टैक्स में छूट पा सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी कंपनी में किराये की रसीद जमा करनी होंगी। मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों में किराये में काफी अंतर होता है। अगर आप मेट्रो सिटी में रहते हैं और आठ हजार रुपए से ज्यादा मकान का किराया अदा करते हैं तो आप एचआरए भरकर टैक्स सेविंग कर सकते हैं। अगर आपका कोई मकान है जिसको आपने किराये पर दे रखा है तो फिर आपको टैक्स में छूट नहीं मिलेगी।

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