सोनिया के लिए संजीवनी बना राष्ट्रपति चुनाव
नई दिल्ली: जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई हैं. विपक्षी दलों ने खासकर बीजेपी को घेरने के लिए फिर से एकजुटता दिखानी शुरू कर दी है. विपक्षी दलों ने सोनिया गांधी से मिलने का सिलसिला शुरू कर दिया है.विपक्षी दल इसके लिए एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने के पक्ष में हैं.इसीलिए वह सोनिया कोआगे करना चाह रहा है.जो भी हो राष्ट्रपति का यह चुनाव सोनिया गांधी के लिए संजीवनी का काम करेगा.
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की.थी इसके बाद माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गणेश परिक्रमा लगाई. येचुरी ने कहा वे निश्चित रूप से ऐसा उम्मीदवार चाहते हैं जिन्हें सभी दलों का समर्थन प्राप्त हो.माकपा ने इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से भी अनौपचारिक चर्चा की है.लालू प्रसाद यादव भी जल्द ही इस सिलसिले में सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे.उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से एकजुट होने की अपील की है. इसी क्रम में उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की थी.
दरअसल विपक्षी दलों में हलचल इस वजह से भी मची हुई है कि बीजेपी चुनावों में लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. ख़ासकर उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद से तो विपक्षी दलों की रातों की नींद ही गायब हो गई है. राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों के बीच में होने वाला महागठबंधन 2019 के लोकसभा चुनावों में भी मोदी के विजयी रथ को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा.
विपक्षी दल इसके लिए एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने के पक्ष में हैं. राष्ट्रपति भले ही सत्ता पक्ष या विपक्ष का बने, लेकिन इतना जरुर है कि यह चुनाव सोनिया गांधी के लिए संजीवनी का काम काम करेगा,क्योंकि पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस को मिल रही करारी हार के कारण सोनिया गांधी राजनीति के बैकफुट पर आ गई हैं.राष्ट्रपति चुनाव ने एक बार फिर से सोनिया को चर्चा के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है.