महाजन ने कहा- चर्चा किस नियम से हो, इसे तय करते समय उन्हें सभी पक्षों का ध्यान रखना होता है। विपक्ष, सत्ता पक्ष या कोई एक अन्य दल अपनी मर्जी से यह तय नहीं कर सकता है कि चर्चा किस नियम से होगी। स्पीकर ने यह भी कहा कि संसदीय परंपरा और नियम सदस्यों के ही बनाए हुए हैं। पीठासीन अधिकारी इन्हीं परंपराओं और नियमों से सदन चलाना चाहता है। यही कारण है कि वह बार-बार सदन में सदस्यों को उन्हीं के द्वारा बनाए गए नियमों-परंपराओं की याद दिलाती हैं। मसलन संसद में प्ले कार्ड, पोस्टर लहराना, वेल में न आना पूर्व के सदस्यों द्वारा तय की गई परंपरा और नियम हैं।
सम्मेलन का पीएम आज करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बताया कि कई सत्रों में होने वाले इस सम्मेलन में देशभर की विधानसभाओं और विधानपरिषद के सदस्य इसमें शामिल होंगे। समापन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे।