सरकार अब सोने पर टैक्स लगाने की तैयारी में, कालेधन पर उठाएगी बड़ा कदम
सोने के रूप में रखे कालेधन को रिकवर करने के लिए सरकार गोल्ड एमनेस्टी स्कीम लाने की तैयारी में है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नई योजना के तहत अघोषित सोने की जानकारी और उस पर टैक्स देकर इसे वैध सोने में बदला जा सकेगा। इस दौरान जिस खरीद की रसीद उपलब्ध नहीं होगी उस पर पूरा टैक्स चुकाना होगा।
भारतीय इस बहुमूल्य धातु में निवेश को काफी सुरक्षित मानते हैं। कालाधन छिपाने के लिए बड़े पैमाने पर सोने का उपयोग होता है। हालांकि, इस स्कीम के तहत सोने पर लगाए जाने वाले टैक्स दर पर अभी कोई सहमति नहीं बनी है। लेकिन इस पर 30 परसेंट टैक्स लगाए जाने की बात चल रही है। अगर इस टैक्स दर पर सहमति बन जाती है तब दो परसेंट एजुकेशन सेस के बाद प्रभावी टैक्स दर 33 परसेंट हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इस स्कीम के जरिये लाखों करोड़ रुपये का कालाधन रिकवर किया जा सकेगा।
जानकारों का मानना है कि सोने में छिपाया गया कालाधन रिकवर करने के लिए यह स्कीम अच्छी साबित हो सकती है। लेकिन इसका उचित क्रियान्वयन काफी चुनौतीपूर्ण होगा। टैक्स के तौर पर सोने की मूल कीमत में एक तिहाई कमी होने पर भी लोग सोने के बारे में जानकारी देने से बचेंगे। इसके अलावा संपत्ति की जानकारी जाहिर होने पर टैक्स अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने के डर से भी लोग सामने नहीं आएंगे। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं, जब टैक्स अधिकारियों ने लोगों से उनकी संपत्ति का स्रोत बताने की बात कही है। नोटबंदी के समय भी टैक्स अधिकारियों द्वारा स्रोत की जानकारी के लिए लोगों को लाखों मोबाइल संदेश भेजे गए थे।
इससे पहले उद्योग जगत ने गोल्ड एमनेस्टी स्कीम के तहत एकमुश्त राशि चुकाकर सोने को वैध करने की सलाह दी थी। इनकम टैक्स एमनेस्टी स्कीम की तरह यह स्कीम भी सीमित अवधि के लिए होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी सरकार काले धन को लेकर पहले भी प्रयास करती रही है। गौरतलब है कि करेंसी में कालाधन रिकवर करने के लिए सरकार 2017 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) लेकर आई थी। पीएमजीकेवाई की आंशिक सफलता के बाद यह उसी तरह की एक और योजना है।
नीति आयोग का था सुझाव
नीति आयोग ने दो वर्ष पहले इस संबंध में सुझाव दिए थे। आयोग ने अनुमान लगाया था कि भारतीयों के पास करीब 20 हजार टन सोना हो सकता है। लेकिन अगर इसमें बगैर जानकारी के आयात और पैतृक सोने को मिला लिया जाए तो यह मात्र 25-30 हजार टन तक पहुंच जाएगी। वर्तमान भाव के मुताबिक इस सोने की कीमत 70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।