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सोमनाथ चटर्जी के निधन पर राष्ट्रपति, पीएम मोदी सहित इन बड़े नेताओं ने जताया दुख

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि चटर्जी ने भारतीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाया था। प्रधानमंत्री ने चटर्जी को भारतीय राजनीति का कद्दावर नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाया और वह गरीब तथा कमजोर तबके के कल्याण के लिए एक मुखर आवाज थे। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार तथा समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’

सोमनाथ चटर्जी के निधन पर राष्ट्रपति, पीएम मोदी सहित इन बड़े नेताओं ने जताया दुख कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं 10 बार सांसद रहे और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन पर दुख प्रकट करता हूं। वह एक संस्था थे। सभी पार्टियों के सांसद उनका बहुत सम्मान और सराहना करते थे।’ उन्होंने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है।’ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को एक उत्कृष्ट सांसद बताते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट किया।

शाह ने ट्वीट किया, ‘लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन के बारे में जानकर दुखी हूं।’ उन्होंने कहा, ‘वह एक बेहतरीन सांसद थे, सदन के सदस्य के तौर पर उनके लंबे कार्यकाल ने हमारी संसदीय परंपराओं को समृद्ध बनाया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं।’ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

आज जारी एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमनाथ चटर्जी ने अपने योगदान से भारतीय संसद की गौरवशाली परंपराओं को समृद्ध किया। उन्होंने हमेशा समाज के गरीब, कमजोर तथा उपेक्षित वर्गों के हितों को प्राथमिकता दी। सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर चटर्जी की सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा।

सोमनाथ चटर्जी के बारे में बात करते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भावुक हुईं

सोमनाथ चटर्जी के बारे में बात करते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी भावुक हो गईं। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘माननीय सोमनाथ चटर्जी जी के आज सुबह मुझे निधन के बारे में पता चला। वास्तव में सोमनाथ दा मेरे बड़े भाई जैसे थे। हमारी विचारधारा अलग थी लेकिन फिर भी जब से मैंने संसद में कदम रखा, 89 में.. ब से मैं उन्हें काम करते हुए देखती थी। जिस तरीके से वो मुद्दे उठाते थे, जिस तरह से अलग-अलग नियमों का उपयोग करते हुए वो.. चाहे वो शॉर्ट क्योसशन हो या कोलिंग अटेंशन हो.. बहुत बार ये मैंने देखा है उनको करते हुए। तो हर नियम का उपयोग करते हुए मुद्दे कैसे उठाने हैं ये एक प्रकार से हम उनसे समझते थे। उनका कार्यकाल मेेरे लिए गाइडेंस की तरह था। कई सारी चीजें मैंने उनसे सीखीं। बड़े भाई के रूप में मुझे गाइड करते थे। वह एक व्यक्ति के नाते केयरिंग, स्ट्रांग पर्सनेलिटी वाले व्यक्ति थे।

सीपीआई एम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की असेंबली के बाद उनके शरीर को अस्पताल को सौंप दिया जाएगा। परिवार से बातचीत करने के बाद अंतिम कार्यक्रम तय किया जाएगा।

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