सोयाबीन ऑयल का सेवन इस तरीके से बिगाड़ सकता है आपकी सेहत, जानिए
सोयाबीन से निकाला जाना वाला तेल एक प्रकार का वनस्पति तेल है, जो कि दुनिया भर में प्रयोग किए जाने वाले वनस्पति तेलों में से एक है। ज्यादातर सोयाबीन ऑयल तेल परिष्कृत, मिश्रित और हाइड्रोजनीकृत होते हैं। सोयाबीन ऑयल में हमारे शरीर के लिए जरूरी फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। वहीं सोयाबीन विटामिन और मिनरल्स से लैस होता है, जो हमारे शरीर को जरूरी पोषण देने के साथ-साथ हमारी सेहत दुरुस्त रखने में मदद करता है।
सोयाबीन, सोयाबीन ऑयल और सोया से बनने वाले उत्पाद का सेवन अगर सीमित मात्रा में किया जाए तो ये हमारे लिए सेहतमंद साबित होता है लेकिन सोया मिल्क और सोयाबीन ऑयल में मौजूद ट्रांस फैट्स दिल की बीमारियों और मोटापे जैसी समस्याओं के खतरे को बढ़ाते हैं। इसके अलावा सोयाबीन ऑय़ल में मौजूद पोषक तत्व भले ही ढेर सारे हो लेकिन इन 4 समस्याओं वाले लोगों को सोयाबीन ऑयल का सेवन नहीं करना चाहिए। जानिए कौन सी समस्याओं में नहीं करना चाहिए सोयाबीन ऑयल का सेवन।
1 चम्मच सोयाबीन ऑय़ल की पोषक वैल्यू इस प्रकार हैः
कैलोरी- 120 के
फैट- 13.6 ग्राम
सैच्यूरेटेड फैट- 2.1 ग्राम
मोनोअनसैच्यूरेटेड फैट -3,1 ग्राम
पॉलीअनसैच्यूरेटेड फैट- 7.9 ग्राम
ओमेगा 3 फैटी एसिड-0.9 ग्राम
ओमेगा-6 फैटी एसिड-6.9 ग्राम
विटामिन ई-11.1 एमजी
विटामिन के- 25.1 एमजी
सेलेनियम- 6.24 एमसीजी
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इन 4 समस्याओं में नहीं करना चाहिए सोयाबीन ऑयल का सेवन
थाइरॉयड से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए सोयाबीन ऑयल का सेवन
अगर थाइरॉयड के मरीज सोयाबीन ऑयल का सेवन करते हैं तो उनकी समस्या निश्चित रूप से बढ़ सकती है क्योंकि हाइपोथाइरॉयड के मरीजों द्वारा सोया उपाद का सेवन करने से इस ऑयल में मौजूद तत्व आइसोफ्लोलेवोन्स नाम का तत्व सिंथेटिक थाइरॉयड कि खुराक के अवशोषण को रोकता है। जिसके कारण डॉक्टर भी इन मरीजों को सोयाबीन ऑयल के सेवन से मना करते हैं।
गैर जरूरी रूप से वजन बढ़ाने का काम करता है सोयाबीन ऑयल
दरअसल होता यूं है कि सोयाबीन ऑयल में पाया जाने वाला पॉलीअनसैच्यूरेटेड फैट एसिड हमारी किडनी और लिवर समेत शरीर के जरूरी अंगों में जमा होने लगता है और धीरे-धीरे ये फैट का रूप लेने लगता है, जिससे न केवल वजन बढ़ता है बल्कि शरीर में सूजन भी होने लगती है। सोयाबीन ऑयल में मौजूद तत्व फैट टिश्यू बनाने में मदद करता है और शरीर का गैर जरूरी वजन बढ़ने लगता है।
नवजात या बच्चों को हो सकती है एलर्जी
वे बच्चे या नवजात, जो स्तनपान करते हैं उनकी संरचना फाइटोकेमिकल होती है, जिसके कारण सोयाबीन से बने उत्पाद उनमें एलर्जी का कारण बन सकते हैं। वहीं कुछ लोगों को सोयाबीन और मूंगफली के सेवन से भी एलर्जी हो जाती है। इन्हें भी सोयाबीन ऑयल और सोया उत्पादों से दूर रहना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकता है सोयाबीन ऑयल
वे महिलाएं, जो गर्भवती हैं उन्हें हमेशा सोयाबीन ऑयल या फिर सोया उत्पादों से दूर रहना चाहिए। अगर वे अपना खाना सोयाबीन ऑयल में पकाती हैं तो ये उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन अन्य चीजें जैसे सलाद आदि में सोयाबीन ऑयल का उपयोग उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित होता है।