सोशियली एक्टिव लोगों को बहुत कम होता है डिमेंशिया का खतरा
पार्टी करना किसे अच्छा नहीं लगता। पार्टीज आपकी सोशल लाइफ का दायरा बढ़ाती है, आप बहुत से लोगों से मिलते हैं और सबसे बड़ी बात की आप पार्टी में एकदम रिलैक्स महसूस करते हैं और अगर हम आपसे कहें की पार्टी करने या फिर सोशल रूप से एक्टिव रहने से आपके दिमाग को भी फायदा पहुँचता है तो शायद आप यह बात नहीं मानेंगे लेकिन एक रिसर्च तो कुछ इसी तरफ इशारा करता है. डिमेंशिया पर हुए एक शोध में यह सामने आया है कि सामाजिक रूप से सक्रिय लोगों जो आसानी से तनाव नहीं लेते थे, ऐसे लोगों को उन पुरुषों और महिलाओं की तुलना में डिमेंशिया विकसित होने का 50 प्रतिशत कम जोखिम था जो अकेले और परेशानियों से ग्रसित रहते हैं.
अतीत के अध्ययनों से पता चला है कि पुराने क्रोनिक डिस्ट्रेस हिप्पोकैम्पस जैसे दिमाग के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं जो संभवतः डिमेंशिया के लिए अग्रणी है. लेकिन नए निष्कर्ष बताते हैं कि एक सामाजिक और सक्रिय जीवन शैली के साथ संयोजन में एक शांत और आउटगोइंग व्यक्तित्व होने से भी डिमेंशिया के जोखिम में कमी आ सकती है।
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स्वीडिश अध्ययन में 506 बुजुर्ग लोगों को शामिल किया गया था, जिनकी पहली जांच होने पर उनमे डिमेंशिया नहीं था। इन लोगों को उनके व्यक्तित्व लक्षण और जीवन शैली के बारे में प्रश्नावली दी गई थी और फिर छह साल तक ट्रैक किया गया था। समय के साथ 144 लोगों को डिमेंशिया हो गया और ये वो लोग थे जो तनहा रहना पसंद करते थे या तनाव में रहते थे जबकि सामाजिक रूप से एक्टिव रहने वाले और कम तनाव लेने वाले पुरुषों और महिलाओं में डिमेंशिया होने के 50 प्रतिशत की कमी आयी.