सौर मंडल में सबसे दूर स्थित पिंड के पास से गुजरा नासा का अंतरिक्षयान
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि नासा का न्यू हॉरिजन्स अंतरिक्षयान एक बार फिर इतिहास रचते हुए अल्टिमा थुले के पास से गुजरा। एपीएल अंतरिक्षयान को संचालित करती है और नासा के साइंस मिशन डायरेक्टरेट के लिए मिशन का जिम्मा संभालती है। नासा द्वारा दी गई मिशन की जानकारियों के अनुसार, न्यू हॉरिजन्स ने मंगलवार की सुबह 11 बजे अपना मिशन पूरा कर लिया। हालांकि इसकी आधारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है।
इसका कारण है कि अंतरिक्षयान को पृथ्वी से संपर्क करने और अज्ञात ऑब्जेक्ट की पहली तस्वीर भेजने में घंटों लग सकते हैं। चार साल पहले हबल दूरबीन से खोजे गए अल्टिमा थुले का मतलब ज्ञात दुनिया से परे होता है। यह सौर मंडल के सबसे बाहरी क्षेत्र के कुइपर बेल्ट में स्थित है।
कौन हैं भासकरन
इस मिशन की निगरानी करने में भारत के श्याम भासकरन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1963 में मुंबई के माटुंगा में जन्मे भासकरन 1968 में भारत छोड़कर अमेरिका में बस गए थे। वे नासा की जेट प्रोप्लशन लैबरेटरी में काम करते हैं। भासकरन इससे पहले भी नासा के कई मिशन्स को नैविगेट कर चुके हैं। वहीं उनके पिताजी भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में काम किया करते थे।
यह है न्यू हॉरिजन्स
यह नासा का एक अंतरिक्ष शोध यान है, जो सौर मंडल के बाहरी बौने ग्रह प्लूटो के अध्ययन के लिए छोड़ा गया था। इस यान का प्रक्षेपण 19 जनवरी, 2006 किया गया था। यह नौ वर्षों के बाद 14 जुलाई 2015 को प्लूटो के सबसे नजदीक से होकर गुजरा था।
खास बातें
– 3500 किमी की दूरी से अल्टीमा थुले के पास से गुजरा अंतरिक्ष यान
– सूर्य से 6. 5 बिलियन किमी थी अल्टिमा थुले की दूरी
– धरती पर अल्टीमा थुले से संबंधित डाटा भेजने में लगेगा 20 महीने का समय
– रेडियो संकेतों को धरती पर भेजने में लगा 6 घंटे का समय