अन्तर्राष्ट्रीय

सौर हवाओं से सुरक्षित है मंगल का वायुमंडल : शोध

लंदन : मंगल ग्रह का वायुमंडल सौर हवाओं के प्रभावों से पूरी तरह सुरक्षित है। धरती की तरह दो चुंबकीय ध्रुवों की गैर-मौजूदगी के वाबजूद इस पर सौर हवाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। वर्तमान में मंगल ग्रह ठंडा और शुष्क ग्रह है, जिसकी सतह पर धरती के वायुमंडलीय दवाब से एक प्रतिशत कम दवाब है। हालांकि, ग्रह की कई भूगर्भीय विशेषताएं यह दिखाती हैं कि यहां करीब तीन से चार अरब साल पहले एक हाइड्रोलॉजिकल चक्र सक्रिय था। उस वक्त एक सक्रिय हाइड्रोलॉजिकल चक्र को ज्यादा गर्म जलवायु और एक घने वायुमंडल की जरूरत रही होगी, जो बेहद गहरा ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा कर सकने में सक्षम हो। एक आम कल्पना में माना जाता है कि सौर हवाओं ने मंगल के वायुमंडल को धीरे-धीरे खत्म कर दिया और ग्रीनहाउस प्रभाव को बढ़ा दिया होगा, जिससे अंतत: हाइड्रोलॉजिकल चक्र नष्ट हो गया होगा। स्वीडन की उमिया यूनिवर्सिटी के रॉबिन रैमस्टेड ने बताया कि मंगल पर धरती की तरह चुंबकीय ध्रुव नहीं होते, लेकिन सौर हवाएं ऊपरी वायुमंडल में तरंगे बनाती हैं, जिससे यहां एक तरह का चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है। उन्होंने बताया, लंबे अर्से तक यह माना जाता रहा है कि स्वत: पैदा नहीं होने वाला यह चुंबकीय क्षेत्र मंगल के वायुमंडल को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। लेकिन हमारे प्रमाण कुछ और दर्शाते हैं। वह यह दर्शाते हैं कि यह चुंबकीय क्षेत्र मंगल के वायुमंडल को सौर हवाओं के प्रभाव से सुरक्षित रखता है। 

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