स्टूडेंट्स ने कॉपियों में लिखे अजब-गजब जवाब और गानें
एजेन्सी/कानपुर यूनिवर्सिटी से संबद्ध लॉ कॉलेजों के बीए एलएलबी ऑनर्स (पांच वर्षीय) और एलएलबी (तीन वर्षीय) पाठ्यक्रम के 22 हजार स्टूडेंटों की कॉपी जांचने की गोपनीयता से खिलवाड़ किया जा रहा। कई स्टूडेंटों ने प्रश्नों के जवाब अजब-गजब दिए हैं।
जो शिक्षक कॉपी जांच रहे, वही व्हाट्स एप की मदद से जांची गई कॉपी निजी कॉलेजों के शिक्षकों को भेज रहे हैं। साथ ही चुटकी लेकर कह रहे हैं कि इस बार का रिजल्ट बेहद खराब आएगा।
यूनिवर्सिटी से संबद्ध अनुदानित और सेल्फ फाइनेंस लॉ कॉलेजों की कॉपियां जांची जा रही हैं लेकिन इसकी गुणवत्ता और गोपनीयता का ख्याल नहीं रखा जा रहा। मंगलवार को एलएलबी फर्स्ट सेमेस्टर की कुछ जंची कॉपियां व्हाट्स एप की मदद से बाहर भेजी गईं।
संविधान से संबंधित सवाल का जवाब स्टूडेंटों ने फिजिक्स और केमिस्ट्री से दिया है। तलाक से संबंधित प्रश्न का उत्तर भी फिजिक्स और केमिस्ट्री से आया है। भीगे होंठ तेरे जैसे… फिल्मी गीत भी लिखे गए हैं। अब यही कॉपी निजी कॉलेजों के स्टूडेंटों को दिखायी जा रही है। कहा जा रहा कि स्टूडेंटों का जो मन करता है, वही लिख देते हैं। अब स्टूडेंटों ने जंची कॉपी बाहर भेजे जाने पर आपत्ति जताई और यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की है कि ऐसे शिक्षकों को मूल्यांकन से हटाया जाना चाहिए। इस गतिविधि से स्टूडेंट डिप्रेशन में जा रहे हैं।
कोडिंग-डिकोडिंग के बाद कॉपी जांची जाती है, फिर केज (कॉपी के ऊपरी हिस्से) पर चढ़े मार्क्स से रिजल्ट तैयार किया जाता है। रिजल्ट देखने के बाद ही आरटीआई के तहत कॉपी देखी जा सकती है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन और फीस जमा करने की व्यवस्था है। जांचने के दौरान कॉपी बाहर भेजना अपराध की श्रेणी में आता है।
एलएलबी के हर पेपर में 36 फीसदी और ओवर आल 48 फीसदी मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट ही पास होंगे। यह नियम पहले का है लेकिन इस बार स्टूडेंटों के लिए मुसीबत बनेगा। पहले नकल विहीन परीक्षा कराई गई और अब कॉपी जांचने की त्रिस्तरीय व्यवस्था कर दी गई है। इससे ज्यादातर स्टूडेंटों का पास हो पाना कठिन लग रहा है।
अब मूल्यांकन भवन में मोबाइल के साथ इंट्री पर बैन लगाया जाएगा। कॉपी जांचने और उसकी गोपनीयता बरकरार रखने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है। इससे खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।