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स्त्री हो या पुरुष, हमेशा गुप्त रखनी चाहिए ये 4 बातें

एजेंसी/  l_gossip00-1461988277आचार्य चाणक्य ने अपनी शिक्षाओं में ऐसी अनेक बातों का उल्लेख किया है जो मर्यादा के अनुसार सदैव गुप्त रखनी चाहिए। इनमें से कई बातें गृहस्थ जीवन के लिए उपयोगी हैं तो कई राजा के लिए। जीवन में पारदर्शिता आवश्यक है, परंतु समय एवं स्थिति के अनुसार गोपनीय भी जरूरी है।

चाणक्य ने मानव के लिए यह जरूरी बताया है कि वह धन की हानि को कभी सार्वजनिक न करे। इससे उसे संकट का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि कई लोग धनहानि देखकर शत्रुता पर उतर आते हैं, अधिक हानि पहुंचाने का प्रयास करते हैं। 

इसके अलावा खराब आर्थिक स्थिति मनुष्य के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा सकती है। समाज में कई लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी को आर्थिक संकट में देखकर प्रसन्न होते हैं। अत: धनहानि का रहस्य जहां आवश्यक न हो, प्रकट नहीं करना चाहिए।

आगे चाणक्य बताते हैं कि मन के दुख की बात यूं ही किसी को नहीं बतानी चाहिए। संसार में ऐसे लोग कम हैं जो किसी को दुख में देखकर उसकी मदद करें। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी को दुख में देखकर उसकी हंसी उड़ाते हैं। ऐसे लोगों से स्वयं की रक्षा के लिए जरूरी है कि दुख की घड़ी में भी स्वार्थी व दुष्ट किस्म के लोगों को कुछ नहीं बताना चाहिए।

वह व्यक्ति हंसी का पात्र बन सकता है जो अपने गृहस्थ जीवन की बातें सार्वजनिक कर देता है। विशेष रूप से अपनी पत्नी के चरित्र को लेकर बाहर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इससे दुख कम नहीं होता, बल्कि और ज्यादा बढ़ सकता है। इसी प्रकार घर के विवाद, सुख-दुख सबको नहीं बताने चाहिए।

इस शृंखला की आखिरी कड़ी में चाणक्य अपने अपमान को गुप्त रखने की शिक्षा देते हैं। चूंकि उन्होंने भी अपमान का सामना किया था। इसलिए चाणक्य ने कहा था कि अगर दुष्ट व्यक्ति मूर्खतावश किसी का अपमान कर दे तो उसे किसी को नहीं बताना चाहिए। हो सकता है कि जो सुनने वाला हो, वह भी उसका मजाक बना दे अथवा सबको बता दे। इससे अपमान का घाव और ज्यादा गहरा हो जाता है। इसे गुप्त ही रखना चाहिए।

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