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स्पंजी जमीन पर उछलते हैं लोग, घंटियों से बजते हैं पत्थर..वाकई ये जगह हैं रहस्यभरी

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कहीं कुछ नया और आश्चर्यजनक देखने का मन कर रहा हो, तो इन जगहों पर घूमने निकल जाइए। यहां आकर देखिए अंधी मछलियां, बजते पत्थर, जमीन जिस पर उछलते रहेंगे…

1-    मैनपाट की स्पंजी जमीन आश्चर्यजनक है। मैनपाट को छत्तीसगढ़ का तिब्बत कहा जाता है। ये जलजला नाम की जगह है। चार एकड़ की इस स्पंजी जमीन पर उछलने से आसपास की जमीन पर कंपन का अनुभव होता है। 1997 में जबलपुर में भूकंप आने के बाद यह बना था। एक्सपट्र्स का मानना है कि जमीन के अंदर का दबाव तथा खाली स्थान में सॉलिड के बजाय पानी भरा हुआ है।2- टिनटिनी पत्थर से घंटियों की सी आवाज आती है। अम्बिकापुर से करीब 10 किलोमीटर दूर दरिमा हवाई पट्टी के पास एक बहुत पुराना पत्थर है। इस पर पत्थर को मारो तो म्यूजिकल आवाजें आती हैं। सुरीली मैटलिक ध्वनि के कारण इसका नाम टिनटिनी पत्थर पड़ा है। भूविज्ञानियों के मुताबिक इसीलिए इससे म्यूजिकल साउंड आता है। यहां के पत्थर में मैटलिक कंटेंट बहुत हाई हो सकता है।

3-   छत्तीसगढ़ की कुटुमसर गुफा अंधेरी है। यह जगदलपुर से 30 किमी दूर कांगेर वैली नेशनल पार्क में है। यह अंधी मछलियों के लिए मशहूर है। गुफा के भीतर झींगुर, मकड़ी, चमगादड़, सांप, दीमक जैसे जीव जंतु हैं, लेकिन अंधी मछलियां रहस्यमयी हैं।

4 –   छत्तीसगढ़ के जशपुर में फरसाबहार इलाका नागलोक के नाम से मशहूर है। तपकरा, पत्थलगांव, बगीचा, कासांबेल में कॉमन, ब्लैक और बेंडेड करैत, कोबरा तथा ग्रीन पिट वाइपर समेत 40 प्रकार के सांप पाए जाते हैं। इनमें दुनिया की सबसे जहरीली 6 में से 4 प्रजातियां यहां मिलती हैं।

5-   7 धाराओं में बंटती है इंद्रावती नदी। जगलपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर बारसूर के पास ये नदी सात टुकड़ों में बंटकर बहती है। कुछ दूर जानकर सातों नदी मिल जाती हैं। इनके अलग- अलग रंग काफी दूर तक नजर आते हैं। बारिश में सात धाराओं का नजारा साफ नजर आता है। सभी धाराएं मिलकर आखिरी में पानी का रंग नीला कर देती हैं। 6-  अम्बिकापुर गर्म कुंड में आलू चावल सब उबल जाते हैं। अम्बिकापुर से रामानुजगंज जाने वाली सड़क पर करीब 80 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे के पास गर्म पानी के आठ- दस कुंड हैं। इनमें जमीन के भीतर से गर्म पानी आता है। कहीं-कहीं पानी इतना गर्म है कि अंडे और चावल तक उबल जाते हैं। इसके अलावा लगातार भाप भी निकलती रहती है। एक्सपट्र्स बताते हैं यहां भूपर्पटी से 8 किमी नीचे एक हॉट स्पॉट है। इस वजह से पानी भी गर्म हो गया है। यहां सल्फर यानी गंधक की मात्रा मिलती है। इससे त्वचा रोग ठीक होते हैं।

 

 

 

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