स्पेशल इफेक्ट्स की वजह से मात खा गई दिव्य दृष्टि, बया करती है दो बहनों की कहानी
दिव्यशक्ति दो बहनों की कहानी है जिनके माता-पिता इस बात से परेशान हैं कि उनका पारलौकिक शक्तियां कहीं उनके जी का जंजाल न बन जाएं। ये शक्तियां इन दोनों बच्चियों को पांच साल का होने पर मिलने वाली हैं और जैसे ही इन्हें ये शक्तियां मिलती हैं, इनकी दुश्मन पिशाचिनी को इसकी सूचना मिल जाती है। अगले एपीसोड में दोनों बच्चियां बड़ी हो चुकी हैं लेकिन बिछड़ भी चुकी हैं। दोनों का आमना-सामना एक हादसा होने से पहले होता है। इनमें से एक भविष्य देख सकती है और दूसरी भविष्य बदल सकती है।
टीवी सीरीज में हॉरर का ट्रेंड नया नहीं है, बस हाल के दिनों में ये कहानियां भूत प्रेत के किस्सों से निकलकर उस ढर्रे पर निकल पड़ी हैं, जिनका सिरा साउथ की हिट फिल्म मगधीरा से पकड़ा जा सकता है। आज के समय को पौराणिक किरदारों से जोड़कर कहानी कहने की शुरूआत मार्वेल कॉमिक्स ने की थी, अब भारतीय मनोरंजन जगत को ये फॉर्मूला रास आ रहा है। दिव्य दृष्टि में अभिनय के लिहाज से पहले के दो एपीसोड्स में पिशाचिनी बनीं संगीता घोष सब पर भारी रही हैं।
कहानी में खासा दम तो नहीं है लेकिन इसे कहने का तरीका दिलचस्प है। सीरीज स्पेशल इफेक्ट्स के मामले में कमजोर है और भारतीय टीवी सीरीज व सिनेमा यहीं हॉलीवुड से मार खा जाता है। दिक्कत यहां बजट की भी हो सकती है।