स्मारक घोटाले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी से सतर्कता विभाग की पूछताछ
लखनऊ: मायावती के शासन के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारक निर्माण से जुड़े 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में सतर्कता विभाग ने कांग्रेस नेता और बसपा के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी से दो दिनों तक घंटों पूछताछ की। विभाग के सूत्रों ने कहा कि सिद्दीकी से बुधवार और गुरुवार को पांच घंटे तक पूछताछ की गई, इस दौरान उन्होंने स्मारक निर्माण में हुए घोटाले का खुलासा करने के लिए अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए लगभग 100 सवालों के जवाब दिए।
सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी कई दौर की पूछताछ होगी। एक जुलाई को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा सहित 40 आरोपियों और 20 सरकारी अधिकारियों को उनके बयान दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। जहां साल 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए सिद्दीकी पूछताछ के लिए आए, वहीं कुशवाहा ने तैयारी के लिए कुछ और समय की मांग की।
सतर्कता विभाग के अधिकारी अब अगस्त के पहले सप्ताह में कुशवाहा से पूछताछ करने की योजना बना रहे हैं। लोकायुक्त द्वारा कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के बाद 2014 में स्मारक घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और 2013 में बसपा के पूर्व मंत्रियों नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा और 12 बसपा विधायकों सहित 199 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के लिए प्राथमिकी की सिफारिश की गई थी।
विजिलेंस अधिकारियों ने कहा है कि परियोजना प्रबंधकों ने स्मारकों के निर्माण में खरीदे गए लाल बलुआ पत्थर का उपयोग अत्यधिक दरों पर किया था। पार्कों और स्मारकों के निर्माण में इस्तेमाल किए गए बलुआ पत्थर मिजार्पुर से खरीदे गए थे, लेकिन अधिक पैसा बनाने के लिए इन्हें राजस्थान के रास्ते लाया गया, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।
विजिलेंस ने अक्टूबर, 2020 में घोटाले में पहला आरोप पत्र भी दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने छह सरकारी अधिकारियों के नाम लिए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और इंजीनियरों और ठेकेदारों की संपत्तियों को कुर्क करने का भी मामला दर्ज किया था।