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स्वर्ण मंदिर परिसर में हिंसा के बाद शांति


Swarna_Mandir (1)अमृतसर। सेना के ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ की 3०वीं वर्षगांठ पर स्वर्ण मंदिर परिसर में शुक्रवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के टास्क फोर्स कार्यकर्ताओं और कट्टरपंथी सिख कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प और 1० लोगों के घायल होने के बाद शाम होत-होते परिसर में शांति लौट आई। सत्तारूढ़ अकाली दल ने हिंसा की निंदा की है। दोनों पक्ष के सैकड़ों लोगों ने परिसर में स्थित अकाल तख्त इमारत से एक-दूसरे को बाहर खदेड़ने के लिए खुलेआम तलवारों और लाठियों का प्रयोग किया। जख्मी लोगों के लहू से जमीन रंग गई। कई लोग स्वयं को बचाने के लिए इधर-उधर भागते देखे गए। पुलिस गुरुद्वारा परिसर के अंदर की स्थिति पर लगातार नजर रख रही है। गुरुद्वारा परिसर के बाहर एक पुलिस अधिकारी ने बताया ‘‘कट्टरपंथी तत्वों ने जन संबोधन प्रणाली को अपने नियंत्रण में करने का प्रयास किया और नारे लगाए। इसका सीजीपीसी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया जिसने हिंसक झड़प को जन्म दिया।’’ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि झड़प उस समय शुरू हुई जब एसजीपीसी के कार्यकर्ताओं ने शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के कार्यकर्ताओं और कप्तरपंथी नेता सिमरनजीत सिंह मान को परिसर में तलवार एवं अन्य पारंपरिक हथियार लहराने एवं खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने से रोका और अकाल तख्त का माइक्रोफोन अपने कब्जे में ले लिया। उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की 3०वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्वर्ण मंदिर में एक धार्मिक कार्यक्रम रखा गया था जो शुक्रवार सुबह ही संपन्न हुआ। कार्यक्रम के तुरंत बाद दोनों गुटों में झड़प शुरू हो गई। झड़प के बाद से गुरुद्वारा परिसर में तनाव का माहौल है। झड़प के दौरान मीडियाकर्मियों के साथ भी हाथापाई की गई।

झड़प में हस्तक्षेप करने या उसे रोकने के लिए परिसर में कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। लेकिन अब परिसर के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है ताकि फिर से कोई अप्रिय घटना न हो। जिस समय घटना घटी सीजीपीसी के अध्यक्ष अवतार मक्कड़ और अकाल तख्त गुरबचन सिंह सहित शीर्ष सीजीपीसी पदाधिकारी परिसर में मौजूद थे। सीजीपीसी और अकाल तख्त द्वारा इस मामले में जांच के आदेश देने की संभावना है। हिंसा के गवाह एक स्थानीय मीडियाकर्मी ने कहा ‘‘स्वर्ण मंदिर परिसर के आसपास के इलाके में कफ्र्यू जैसा मंजर था। स्थिति तनावपूर्ण दिखी। लेकिन शाम होते-होते स्थिति सामान्य हो रही है।’’ इस बीच दल खालसा के नेता कंवरपाल सिंह ने कहा कि मंदिर परिसर में ऐसी घटना होना दुर्भायपूर्ण है। दल खालसा को इससे कोई लेना-देना नहीं है। अकाली दल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पवित्र-स्थल को अपवित्र किया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जा सकती है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य में शांति और सौहार्द बहुत मुश्किल से लौटा है इसे बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। अमृतसर के सांसद और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस घटना से वह स्तब्ध हैं।

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