नई दिल्ली: स्वाइन फ्लू की जांच व इलाज के लिए निजी लैबोरेटरी व अस्पताल मनमाना शुल्क नहीं वसूल पाएंगे। इस बावत केन्द्र सरकार के नोटिस के बाद दिल्ली सरकार ने स्वाइन फ्लू के जांच व इलाज की कीमत का निर्धारण कर दिया है। दिल्ली स्वास्थ्य सेवा योजना द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के बाद नई कीमत को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। मालूम हो कि स्वाइन फ्लू की जांच तीन सरकारी व सात निजी लैबोरटी के जरिए की जा रही है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. एससी शर्मा ने बताया कि स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए सम्बद्ध सभी 28 निजी अस्पताल और जांच निजी लैबारेटरी मरीजों से 4500 से अधिक शुल्क नहीं ले पाएगी। इसमें जांच के साथ ही इलाज का भी खर्च शामिल है। रेट के साथ ही सरकार ने स्वाइन फ्लू मरीजों की श्रेणी भी निर्धारित की है। दिल्ली स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. एससी शर्मा ने कहा कि जांच ही नहीं सी श्रेणी के गंभीर एचवनएनवन संक्रमित मरीजों के इलाज भी निजी अस्पताल तय सीमा के आधार पर लेगें।
मालूम हो कि बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निदेशक डॉ. जगदीश प्रसाद द्वारा दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लिखे पत्र में स्वाइन फ्लू की जांच में निजी अस्पतालों की मनमानी पर फटकार लगाई। डीजीएसएस ने कहा कि लंबे समय से मंत्रालय तक महंगी जांच व इलाज की शिकायतें पहुंच रही है, जिसको नियंत्रित नहीं किया जा रहा है। सरकार द्वारा चयनित तीन लैबोरेटी एम्स, सरदार वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टीटय़ूट और राष्ट्रीय संचारी रोग विभाग पर मरीजों का अधिक बोछ बढ़ने के कारण निजी लैबारेटरी एचवनएनवन जांच के लिए छह से आठ हजार तक रुपए वसूल रही हैं।