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स्वामी विवेकानंद की 154वीं जयंती आज, पढ़िए उनकी कही 12 ख़ास बातें

देशभर में आज राष्ट्र की प्रेरणा स्वामी विवेकानंद की 154वीं जयंती मनाई जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर स्‍वामी विवेकानंद को याद किया है। पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि हम महान स्वामी विवेकानंद को नमन करते हैं और उनके शक्तिशाली विचारों और आदर्शों को याद करते हैं जो आज भी पीढ़ियों के मार्ग दर्शन का काम कर रहा है। स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर देश में युवा दिवस मनाया जाता है। 

शिकागो भाषण से दुनिया पर छोड़ी छाप
अमेरिका के शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म संसद में दुनिया के सभी धर्मों के प्रतिनिधियों के बीच विवेकानंद ने जो भाषण दिया था आज भी उन्हें उसके लिए याद किया जाता है। इस भाषण के जरिए विवेकानंद ने भारत की अतुल्य विरासत और ज्ञान का डंका बजा दिया। 

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विवेकानंद की महत्वपूर्ण बातें..

1. ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वह हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
2. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
3. यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
4. वेदांत कोई पाप नहीं जानता, वह केवल त्रुटी जानता है। और वेदांत कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये काम नहीं कर सकते। 
5. कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वह यह कहना है कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।

6. दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
7. पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
8. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
9. जो तुम सोचते हो वह हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
10. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं। 
11. एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
12. संभव की सीमा जानने केवल एक ही तरीका है असम्भव से आगे निकल जाना।

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