स्वास्थ्य

स्‍ट्रोक : इलाज से बेहतर है बचाव, इन चीजों पर दें आप ध्‍यान

स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण हाई ब्लड प्रेशर है। वहीं धूम्रपान व शराब का सेवन जैसी चीजें उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रोक की चपेट में आने की आशंका को बढ़ा देते हैं।

क्या है स्ट्रोक

जब मस्तिष्क को जाने वाली रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) में कुछ कारणों से रुकावट पैदा हो जाती है, तो इस स्थिति को सहज भाषा में सेरीब्रल स्ट्रोक, स्ट्रोक या मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक) कहते हैं। मस्तिष्क में करोड़ों नसें होती हैं। दिमाग में स्थित हाथ से संबंधित नस के क्षतिग्रस्त होने से हाथ का लकवा, पैर की नर्व के क्षतिग्रस्त होने से पैर का लकवा लगता है।

स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) का एक प्रमुख कारण हाई ब्लड प्रेशर है। इसके अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन, अस्वस्थ

खानपान, व्यायाम न करना, ये सब कारण उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रोक की चपेट में आने की आशंका को बढ़ा देते हैं।

अन्य जोखिम वाले कारण

जंक फूड्स के अत्यधिक सेवन या शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर को स्ट्रोक से जुड़ा एक बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है। जब ये कारक एक साथ मिल जाते हैं, तो धमनियां अवरूद्ध हो जाती हैं, इससे दिमाग की ओर रक्त का सामान्य प्रवाह बाधित होता है। इन चिंताओं को देखते हुए, जीवनशैली में कुछ ऐसे परिवर्तन किये जाने आवश्यक है जिससे स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सके। हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का एकमात्र सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। 50 प्रतिशत स्ट्रोक के मामले ब्लॉकेज (इस्कीमिक स्ट्रोक) के कारण होते हैं। स्ट्रोक मस्तिष्क में रक्तस्राव होने की आशंका भी बढ़ा देता है जिसे हेमरेजिक स्ट्रोक कहते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए ली
जाने वाली दवाओं से स्ट्रोक की आशंका को काफी कम किया जा सकता है।

वजन घटाएं: मोटापे के कारण शरीर में कई जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। जैसे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज,
जिनका आपके हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए मोटापे को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक
वसायुक्त और चिकनाई युक्त आहार से परहेज करें। डॉक्टर या फिटनेस एक्सपर्ट से परामर्श लेकर व्यायाम करें।

कोलेस्ट्रॉल का स्तर: कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर धमनियों की दीवारों में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण कर धमनियों को अवरुद्ध कर देता है, जिससे रक्त के थक्के बन सकते हैं। ये रक्त के प्रवाह को रोक सकते हैं। शरीर में अच्छे (गुड)
और बुरे(बैड) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने के लिए अपने खानपान का खास ख्याल रखें और साथ ही एक्सरसाइज करें।

डायबिटीज: जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, उन्हें स्ट्रोक होने की आशंका अधिक होती है। डायबिटीज से पीड़ित
लोगों के लिए अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना स्ट्रोक की आशंका को कम करने का एक महत्वपूर्ण कारक है।

धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान के कारण भी हृदय रोगों और स्ट्रोक की आशंका काफी बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की आशंका धूम्रपान न करने वालों की तुलना में तीन गुनी अधिक होती है।

शराब से परहेज करें: शराब इस्कीमिक (धमनियों के अवरुद्ध होने के कारण मस्तिष्क की ओर रक्त का प्रवाह कम
होना) और हेमरेजिक (मस्तिष्क की कोशिकाओं में रक्तस्राव) स्ट्रोक की आशंका बढ़ा देती है।

हेल्दी डाइट: मस्तिष्क के लिए स्वस्थ भोजन आवश्यक है। जैसे फल और सब्जियां, मछलियां (सेलमन, टुना, मैकरेल, हेरिंग या ट्राउट, जो ओमेगा 3 फैटी एसिड्स से भरपूर होती हैं)। इसके अलावा साबुत अनाज, उच्च फाइबर युक्त भोजन, दूध और दुग्ध से निर्मित उत्पाद, दालें और फलियां आदि मस्तिष्क को सक्रिय रखती हैं।

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