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सड़क पर उतरे वकील, राज्यपाल को 6 सूत्री मांगपत्र सौंपा
लखनऊ : इलाहाबाद में हुई वकील की हत्या और लखनऊ की सदर तहसील स्थानांतरित किए जाने के विरोध में सैकड़ों वकील गुरुवार को सड़कों पर उतर आए और खूब हंगामा किया। कलेक्ट्रेट चौराहे से स्वास्थ्य भवन और क्लाक्र्स अवध होटल से कमिश्नर दफ्तर तक का रास्ता प्रदर्शन के कारण घंटों बंद रहा। अलग-अलग गुटों में वकीलों ने पुलिस की ओर से लगाई गई बेरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। कुछ युवा अधिवक्ताओं ने एडीएम और एएसपी पूर्वी से अनुमति लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा जिसके बाद प्रदर्शन खत्म हो गया। गुरुवार को 11 बजे सेंट्रल बार के हॉल में संयुक्त आम सभा हुई जिसमें इसमें लखनऊ बार’ सेंट्रल बार’ राजधानी अधिवक्ता महासंघ’ युवा अधिवक्ता मंच के वकील शामिल रहे। बैठक में सदर तहसील का दफ्तर स्थानांतरित किए जाने’ वकीलों पर लाठीचार्ज और इलाहाबाद में हुई घटना पर चर्चा हुई। इसके बाद विरोध स्वरूप सूबे की सरकार को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। करीब 1:15 बजे बैठक खत्म हुई जिसके बाद सैकड़ों की तादाद में वकील एकजुट हो कर डीएम को ज्ञापन सौंपने के लिए कोर्ट से बाहर निकले। पुलिस ने पहले ही हाईकोर्ट के चारों ओर बेरिकेडिंग लगा कर रास्ते बंद कर दिए थे। हाईकोर्ट और स्वास्थ्य भवन के चौराहे पर वकील इकळा हो कर नारेबाजी करने लगे। इनमें से कुछ वकीलों ने आगे बढ़ना शुरू किया लेकिन बेरिकेडिंग पर भारी पुलिस और आरएएफ ने रोक लिया।
दूसरी तरफ युवा अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष ब्र२ोन्द्र सिंह मौर्या’ महामंत्री अमित पाण्डेय और संगठन मंत्री आलोक शर्मा समेत कई वकील क्लाक्र्स अवध की ओर लगी बेरिकेडिंग की ओर बढ़ गए। यहां एडीएम सिटी पूर्वी निधि श्रीवास्तव’ एएसपी पूर्वी रोहित मिश्रा और एएसपी आरए मनोज सोनकर ने उनको समझा-बुझा कर वापस भेजने की कोशिश की लेकिन वकील नहीं माने। राजधानी के वकीलों ने गुरुवार को राज्यपाल राम नाईक से भेंट की। वकीलों ने प्रदेश भर में भय और आतंक का हवाला देते हुए राज्यपाल को छह सूत्री मांगपत्र भी सौंपा।