स्वास्थ्य

सफ़ेद मुसली खाने से दूर हो जायेगी हर शारीरिक कमजोरी

सफेद मूसली एक शक्‍तिवर्धक जड़ी बूटी है जो कि ज्‍यादातर यौन क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रयोग की जाती है मगर ऐसा नहीं है कि इसका केवल एक ही काम हो, यह अन्‍य औषधीय गुणों से भी भरी हुई होती है। विश्‍व बाजार में इसकी बहुत मांग बढ़ी है। ताजा सफेद मूसली करीब 1500 से दो हजार रुपए किलो तक बिकती है। भारत में आजकल इसकी बड़े पैमाने पर खेती भी होने लगी है। भारत में मुख्य रूप से इसकी खेती राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में की जाती है। मुसली की जड़ या कन्द को जमीन से खोद के निकला जाता है और साफ़ करके सुखा लिया जाता है फिर इसका पाउडर बना कर दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।सफ़ेद मुसली खाने से दूर हो जायेगी हर शारीरिक कमजोरी

1.वानस्पतिक नाम : Chlorophytum Borivilianum

2.पारिवारिक नाम : Liliaceae

3.दवा के रूप में हिस्सा इस्तेमाल : जड़, कन्द

4.पर्यावास : उत्तरी और पश्चिमी भारत

मुसली के प्रमुख घटक –

कार्बोहाइड्रेट (41%), प्रोटीन (8-9%), सैपोनिन (2-17%), फाइबर (4%), 25 से अधिक एल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, पोलीसेकराईडस आदि हैं। इसका प्रयोग विभिन्न शक्तिवर्धक दवाओं में, स्वास्थ्य और सेक्स टॉनिक आदि के निर्माण में होता है। इसमें सेक्स पॉवर बढ़ाने की क्षमता है।

सफ़ेद मुस्ली के फायदे –

मुसली मधुर, रस्वाली, वीर्य वर्धक, पुष्टिकारक, उष्ण वीर्य और स्वाद में कडवी होती है। यह एक उत्तम वाजीकारक और एंटीऑक्सीडेंट है। इसका सेवन शरीर में शक्ति, उर्जा, और बल को बढ़ता है। यह शुक्र धातु को पुष्ट करती है। यह इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है।

सफ़ेद मूसली के अन्य लाभ –

1.यह नपुंसकता, धातुक्षीणता, शीघ्रपतन, यौनविकार आदि को दूर करने की एक नेचुरल दवा है। यह डायबिटीस के बाद होने वाली नपुंसकता की शिकायतों में भी लाभप्रद है।

2.स्त्रियों में इसका प्रयोग सफ़ेद पानी/श्वेत प्रदर के इलाज और दूध बढ़ने के लिये किया जाता है। प्रसव और प्रसवोत्तर समस्याओं के लिए एक उपचारात्मक रूप में भी इसका प्रयोग होता है। स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध बढ़ाने के लिये।

3.परुषों के यौन रोग (इरेक्टाइल डिसफंक्शन , सूजाक , इन्द्रिय शिथिलता, शीघ्रपतन, वीर्य क्षय, यौन दुर्बलता, कम शुक्राणु ) यौन प्रदर्शन में सुधार, कामोद्दीपक, सेक्स टॉनिक, सामान्य दुर्बलता और नपुंसकता, तनाव, गठिया, मधुमेह, दस्त, पेचिश, पेशाब में दर्द आदि रोगों के लिए इसका उपयोग किया जाता है प्रतिरक्षा-सुधार , टॉनिक, बॉडीबिल्डिंग में उपयोगी संधिशोथ, मधुमेह, बवासीर और रजोनिवृत्ति सिंड्रोम के लिए उपयोगी।

सफ़ेद मुस्ली का प्रयोग और सेवन मात्रा –

मुसली के चूर्ण की सामान्य सेवन मात्रा 3-6 ग्राम ग्राम है। बहुत से रोगों के उपचार में इसकी 10-15 ग्राम की मात्रा भी दी जाती है। मूसली चूर्ण को मिश्री और दूध के साथ दिन में दो बार लिया जाता है। इसकी ताज़ा जड़ का रस 10-20 मिलीलीटर लिया जाता है।सफेद मूसली एक शक्‍तिवर्धक जड़ी बूटी है जो कि ज्‍यादातर यौन क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रयोग की जाती है मगर ऐसा नहीं है कि इसका केवल एक ही काम हो, यह अन्‍य औषधीय गुणों से भी भरी हुई होती है। विश्‍व बाजार में इसकी बहुत मांग बढ़ी है। ताजा सफेद मूसली करीब 1500 से दो हजार रुपए किलो तक बिकती है। भारत में आजकल इसकी बड़े पैमाने पर खेती भी होने लगी है। भारत में मुख्य रूप से इसकी खेती राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में की जाती है। मुसली की जड़ या कन्द को जमीन से खोद के निकला जाता है और साफ़ करके सुखा लिया जाता है फिर इसका पाउडर बना कर दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।  1.वानस्पतिक नाम : Chlorophytum Borivilianum  2.पारिवारिक नाम : Liliaceae  3.दवा के रूप में हिस्सा इस्तेमाल : जड़, कन्द  4.पर्यावास : उत्तरी और पश्चिमी भारत  मुसली के प्रमुख घटक – कार्बोहाइड्रेट (41%), प्रोटीन (8-9%), सैपोनिन (2-17%), फाइबर (4%), 25 से अधिक एल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, पोलीसेकराईडस आदि हैं। इसका प्रयोग विभिन्न शक्तिवर्धक दवाओं में, स्वास्थ्य और सेक्स टॉनिक आदि के निर्माण में होता है। इसमें सेक्स पॉवर बढ़ाने की क्षमता है।  सफ़ेद मुस्ली के फायदे – मुसली मधुर, रस्वाली, वीर्य वर्धक, पुष्टिकारक, उष्ण वीर्य और स्वाद में कडवी होती है। यह एक उत्तम वाजीकारक और एंटीऑक्सीडेंट है। इसका सेवन शरीर में शक्ति, उर्जा, और बल को बढ़ता है। यह शुक्र धातु को पुष्ट करती है। यह इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है।  सफ़ेद मूसली के अन्य लाभ – 1.यह नपुंसकता, धातुक्षीणता, शीघ्रपतन, यौनविकार आदि को दूर करने की एक नेचुरल दवा है। यह डायबिटीस के बाद होने वाली नपुंसकता की शिकायतों में भी लाभप्रद है।  2.स्त्रियों में इसका प्रयोग सफ़ेद पानी/श्वेत प्रदर के इलाज और दूध बढ़ने के लिये किया जाता है। प्रसव और प्रसवोत्तर समस्याओं के लिए एक उपचारात्मक रूप में भी इसका प्रयोग होता है। स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध बढ़ाने के लिये।  3.परुषों के यौन रोग (इरेक्टाइल डिसफंक्शन , सूजाक , इन्द्रिय शिथिलता, शीघ्रपतन, वीर्य क्षय, यौन दुर्बलता, कम शुक्राणु ) यौन प्रदर्शन में सुधार, कामोद्दीपक, सेक्स टॉनिक, सामान्य दुर्बलता और नपुंसकता, तनाव, गठिया, मधुमेह, दस्त, पेचिश, पेशाब में दर्द आदि रोगों के लिए इसका उपयोग किया जाता है प्रतिरक्षा-सुधार , टॉनिक, बॉडीबिल्डिंग में उपयोगी संधिशोथ, मधुमेह, बवासीर और रजोनिवृत्ति सिंड्रोम के लिए उपयोगी।  सफ़ेद मुस्ली का प्रयोग और सेवन मात्रा – मुसली के चूर्ण की सामान्य सेवन मात्रा 3-6 ग्राम ग्राम है। बहुत से रोगों के उपचार में इसकी 10-15 ग्राम की मात्रा भी दी जाती है। मूसली चूर्ण को मिश्री और दूध के साथ दिन में दो बार लिया जाता है। इसकी ताज़ा जड़ का रस 10-20 मिलीलीटर लिया जाता है।

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