राजनीति

हंगामे के कारण आज भी संसद के दोनों सदन स्‍थगित, अधर में लटके हैं कई महत्‍वपूर्ण विधेयक

 संसद में विपक्ष के हंगामे के कारण बजट सत्र का अंतिम हफ्ता भी बाधित होता नजर आ रहा है। मंगलवार को भी दोनों सदनों में कावेरी मुद्दा व आंध्र प्रदेश को लेकर हंगामा जारी रहा जिसके कारण संसद को पूरे दिन के लिए स्‍थगित कर दिया गया।

बता दें कि लोकसभा शुरू होते ही ‘वी वांट जस्‍टिस’ के नारों के बीच दोपहर 12 बजे तक कार्यवाही को स्‍थगित कर दिया गया वहीं राज्‍यसभा में आंध्रप्रदेश मुद्दे पर टीडीपी के हंगामे के कारण कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्‍थगित कर दी गयी। इससे पहले सोमवार को भी दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो सका।

लोकसभा में स्‍थगन के बाद 12 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह कल की घटना और दलित हिंसा मामले पर कहा कि दलित रक्षा के लिए सरकार सजग है। उन्‍होंने कहा, ‘एससी/एसटी के फैसले पर याचिका दाखिल कर दी गयी है आज दोपहर दो बजे सुनवाई है। दलितों के हित के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हिंसा के दौरान मध्‍यप्रदेश में 6 लोगों की मौत हुई वहीं राजस्‍थान व यूपी में 1-1 मौत हुई।’ गृहमंत्री ने कहा, सरकार ने राज्‍यों को शांति बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। राज्‍यों को हर तरह की मदद दी जाएगी। आरक्षण के नाम पर अफवाह फैलाई जा रही है। एससी-एसटी एक्‍ट में सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया।

भाजपा के रविशंकर प्रसाद, राजद के मनोज कुमार झा और टीडीपी के सीएम रमेश ने राज्‍यसभा सदस्‍य के तौर पर आज शपथ लिया। मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कांग्रेस सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं एआइएडीएमके सांसद, टीडीपी सांसद और टीएमसी सांसदों का संसद में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे।

आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जा की मांग करते हुए टीडीपी सांसदों का प्रदर्शन शुरू है वहीं पार्टी सांसद नरामल्‍ली शिवप्रसाद लोक नर्तक का वेश बना प्रदर्शन में शामिल हैं। दलितों पर अत्‍याचार की निंदा करते हुए टीएमसी विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। एआइएडीएमके की ओर से कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग की जा रही है। बता दें कि लगातार 18 दिन से संसद में हंगामे की यही स्थिति बनी हुई है जिसके चलते कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा नहीं हो पा रही है और वे अधर में लटके हुए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सदन के सभी नियम व कानून मालूम हैं, इसके बावजूद वह लगातार हंगामा कर रही है. जिसकी वजह से सदन अपने मुताबिक नहीं चल पा रहा है। कांग्रेस को ऐसी राजनीति बंद कर देनी चाहिए।

राज्यसभा महज छह मिनट तक चलने के बाद स्थगित कर दी गई। वहां पर सभापति एम वेंकैया नायडू जैसे ही अपने आसन पर बैठे वैसे ही कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, तेदेपा, द्रमुक और अन्ना द्रमुक के सांसद वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस और बसपा सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे। वे अनुसूचित जाति-जनजाति से संबंधित कानून में आरोपी को राहत दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विरोध जता रहे थे। जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य पंजाब नेशनल बैंक घोटाले पर विरोध जता रहे थे।

तमिल पार्टियां कावेरी जल बंटवारे को लेकर नारेबाजी कर रही थीं। जबकि आंध्र प्रदेश के विपक्षी सांसद राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। अंतत: सभापति नायडू ने सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

लोकसभा में अन्ना द्रमुक के सदस्यों ने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने की मांग को लेकर हंगामा किया। जबकि तेलुगु देसम पार्टी के सांसदों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार न होने पर नाराजगी जताई। वे काली पट्टी लगाकर सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। उनके नोटिस को अभी तक जरूरी 50 सांसदों का समर्थन हासिल नहीं हो सका है। 

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