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हंगामे के कारण राज्य सभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित

नई दिल्ली: राज्य सभा में सोमवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस जासूसी मामले, किसानों के आंदोलन और महंगाई को लेकर भारी शोरगुल तथा हंगामा किया, जिसके कारण शून्य काल और प्रश्न काल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही जब शुरू की तो उन्होंने नौ अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन के आह्वान का उल्लेख करते हुए देश की आजादी की खातिर जान देने वाले वीर सपूतों को याद किया। पूरे सदन ने दो मिनट का मौन रखकर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

श्री नायडू ने इसके बाद टोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन का जिक्र किया और पदक जीतने वाले और बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने खेलों की महत्ता को रेखांकित करते हुए युवाओं को बेहतर प्रदर्शन करते रहने को प्रेरित किया। सदन में मौजूद सदस्यों ने मेजें थपथपाकर पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी।

सभापति ने इसके बाद शून्य काल शुरू करने से पहले कहा कि कुछ सदस्यों ने नियम 267 के तहत पेगासस जासूसी मामले, किसान आंदोलन और कुछ क्षेत्रों में बाढ़ को लेकर नोटिस दिये हैं। इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा कुछ अन्य सदस्यों ने एक साथ अपनी सीट के पास खड़े होकर जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया। इसके साथ ही हंगामा बढ़ता गया, जिस पर श्री नायडू ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

उप सभापति हरिवंश ने दोबारा दोपहर 12 बजे जैसे ही प्रश्न काल शुरू करने की घोषणा की वैसे ही विपक्षी सदस्यों ने पेगासस जासूसी मामले, कृषि कानून वापस लेने और महंगाई को लेकर फिर हंगामा शुरू कर दिया। प्ले कार्ड लिए हुए कुछ विपक्षी सदस्य सदन के बीच आने लगे। इस पर उप सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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