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हड्डियों के उतकों के पुन:निर्माण के लिए नए नमूने की खोज का दावा

96048-boneनई दिल्ली : भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) ने ग्रेफीन यौगिकों के थ्री डी स्काफोल्ड्स का उपयोग करते हुए हड्डी के उतकों के पुन:निर्माण के लिए एक नमूना तैयार करने का दावा किया है।‘उतक इंजीनियरिंग’ के क्षेत्र में कोशिकाओं के विकास के लिए मूल उतकों को ठीक करने और उसे वापस पहले की स्थिति में लाने के लिए सिंथेटिक सामग्री का उपयोग किया जाता है।

कई बीमारियों और बाह्य चोटों के कारण शरीर की कोशिकाएं और उतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। अधिकतर बार इन्हें प्रतिरोपण के जरिये ठीक किया जाता है। कई बार कुछ उपकरणों के जरिये अंगों की कमी की पूर्ति की जाती है।

हालांकि आज के समय में अनुसंधान में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस प्रकार की सामग्री बनायी जाये जिससे शरीर की अपनी कोशिकाओं का विकास हो और क्षति की पूर्ति हो जाये।

आईआईएस के मेटिरियल्स इंजीनियरिंग विभाग के डॉक्टर कौशिक चटर्जी और उनके छात्रों ने इस बात पर अनुसंधान किया कि कैसे और क्यों कोशिकाएं टूडी स्काफोल्ड्स और थ्री डी स्काफोल्ड्स के साथ अलग-अलग व्यवहार करती हैं।

चटर्जी और उनके छात्रों ने ग्राफीन का उपयोग करते हुए मजबूत पोलीकापरोलेक्टोन स्काफोल्ड बनाने का प्रयास किया। इसके परिणाम स्वरूप जो स्काफोल्ड बना वह सिर्फ पोलीकापरोलेक्टोन से अधिक मजबूत था। 

 

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