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हत्या के आरोपी के घर पर बुलडोजर, किसान की मौत के बाद भड़के लोग

7_1445035407दस्तक टाइम्स/एजेंसी :
इंदौर. मूसाखेड़ी में गुरुवार को हुई किसान की हत्या के बाद जनाक्रोश फूट पड़ा। शुक्रवार को लोगों ने किसान की अर्थी रख चक्काजाम किया। मांग थी आरोपी को फांसी दिलाई जाए और उसके दुकान-मकान का अतिक्रमण तोड़ा जाए। अधिकारियों को जनाक्रोश के आगे झुकना पड़ा। तुरंत कार्रवाई शुरू हुई। आरोपी के दुकान व मकान का अतिक्रमण तोड़ा गया।
 
हत्या के विरोध में मूसाखेड़ी चौराहे पर अर्थी रखकर किया चक्काजाम  
मूसाखेड़ी में मिठाई दुकान श्रीनाथ स्वीट्स के शेड से ट्रैक्टर टकराने के विवाद में हुई किसान महेश पटेल की हत्या को लेकर शुक्रवार को आक्रोशित समाजजन और परिवार के लोगों ने पथराव, हंगामा और चक्काजाम किया। वे अर्थी लेकर चौराहे पर पहुंचे और चक्काजाम कर इस बात पर अड़ गए कि पहले प्रशासन आरोपी की दुकान से अतिक्रमण हटाए, फिर अंतिम संस्कार होगा। इस रोड पर लंबे समय से अतिक्रमण हटाने की मांग की जा रही थी, लेकिन नगर निगम ने कभी ध्यान नहीं दिया। निगम के अमले ने पहले सिर्फ आरोपी की दुकान का अतिक्रमण तोड़ना चाहा, लेकिन बाद में पूरी लाइन से अतिक्रमण हटाया। 
शुक्रवार सुबह 9 बजे से ही मूसाखेड़ी क्षेत्र में हत्या के विरोध में खाती समाज के लोग व रहवासी जमा हो गए। उन्होंने हलका पथराव कर क्षेत्र की दुकानें बंद करवा दीं। इससे आसपास के क्षेत्र में तनाव फैल गया। ताबड़तोड़ दस थानों का फोर्स मौके पर भेजा गया। करीब साढ़े 10 बजे खाती मोहल्ले में महेश का शव पहुंचा। इससे इलाके में सन्नाटा पसर गया। सवा 11 बजे शवयात्रा निकाली। शवयात्रा में लोग हाथों में अतिक्रमण हटाओ… आरोपियों को फांसी दो… पुलिस-प्रशासन जोकर है अपराधियों का नौकर है… की तख्तियां लिए नारेबाजी करते हुए बढ़ने लगे।
 
दूसरी तरफ रोड पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स सहित वज्र, वरुण, फायर ब्रिगेड लगी हुई थी। आला अधिकारी जवानों को समझाइश दे रहे थे। शवयात्रा में करीब 1500 लोग थे। चौराहे पर पहुंचते हुए लोगों ने अर्थी सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया। पुलिस ने लाठियां भांजी, लेकिन लोग अड़ गए। एएसपी राजेश सहाय, एसडीएम संदीप सोनी, डीके नागेंद्र सहित आला अधिकारी उन्हें हटाने की कोशिश करते रहे। एसडीएम ने उन्हें गिरफ्तार करने का कहा, लेकिन आक्रोशित भीड़ कहने लगी आप हमें गोली भी मार दें, लेकिन हटेंगे नहीं। 
 
 
एसडीएम से बोले लोग- डेढ़ साल से क्यों नहीं हुई कार्रवाई
 
लोगों ने एसडीएम से कहा- डेढ़ साल पहले रोड बनाने पर मुहर लगी थी तो अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया? पहले आरोपी की दुकान का अतिक्रमण हटाओ, उसके बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। अधिकारियों को उनकी बात मानना पड़ी। भीड़ दोबारा शव लेकर आरोपी की दुकान के बाहर पहुंची। आधे लोग अतिक्रमण हटवाने में लग गए, जबकि आधे अर्थी लेकर आजाद नगर मुक्तिधाम गए। निगम की टीम ने आरोपी की दुकान का शेड, ओटला और गैलरी तोड़ी। खाती मोहल्ले में भी आरोपी के घर के बाहर का अतिक्रमण तोड़ा। इसके बाद टीम ने निर्माणाधीन मकान भी तोड़ा। देर शाम तक 100 से ज्यादा अतिक्रमण हटाए गए।
 
 
विवाद किया, पुलिस पहुंची तब हो पाई कार्रवाई 
 
इधर, टीम ने अचानक तीन जेसीबी से अतिक्रमण तोड़ना शुरू किया। टीम पार्षद सुभाष चौधरी के घर पर पहुंची, जहां आसपास बनी दुकान तोड़ी। टीम ने पार्षद के घर के ठीक पास मेडिकल दुकान का ओटला तोड़कर इतिश्री कर ली। मूसाखेड़ी में टीम अतिक्रमण तोड़ने पहुंची। यहां सुभाष सोलंकी व किशोर सोलंकी का मकान बना था। मकान के बाहर मेडिकल था। टीम से किशोर ने नोटिस की बात कही। इस पर उपायुक्त से उसका विवाद हुआ। पुलिस पहुंचने के बाद टीम ने अतिक्रमण हटाया। 
 
पत्नी और बच्चों को रातभर नहीं दी मौत की खबर
 
परिचित ने बताया महेश की पत्नी भावना, बेटे राम (6), बेटी आयशा (13) को उनकी मौत की खबर रातभर नहीं दी। उन्हें कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हंै। सुबह शव आने के बाद पत्नी व बच्चे बदहवास हो गए। महेश के भाई मारुति का निजी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। उधर, आजाद नगर टीआई कन्हैयालाल दांगी ने बताया कि गुरुवार रात मुरली, उसकी पत्नी, बेटे गोविंद व हर्ष सहित तीनों नौकर संदीप, सुरेश और विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
 
अतिक्रमण इतने कि 10 फीट चौड़ी रह गई मयूर नगर रोड 
 
प्रशासन ने पूरे क्षेत्र का अतिक्रमण हटा दिया, लेकिन उसकी नजर रिंग रोड चौराहे से मयूर नगर जाने वाली रोड के अतिक्रमण पर नहीं पड़ी। 40 फीट चौड़ी यह सड़क यहां 10 से 12 फीट की रह गई है। इस रोड पर 200 से ज्यादा दुकानें और गुमटियां हैं। लगभग 40 पक्के मकानों का भी कुछ हिस्सा अतिक्रमण में है। अतिक्रमण के कारण रोड पर एक साथ दो कारें तक नहीं आगे बढ़ सकती हैं। मयूर नगर, श्रीराम नगर के लोगों ने भी यहां के अतिक्रमण पर सवाल उठाए हैं। पैदल चलने वालों को भी इस रोड पर परेशानी होती है। तीन माह में ही यहां 10 एक्सीडेंट हो चुके हैं।
 
दरअसल, 10 साल पहले यहां कॉलोनाइजर मुश्ताक ने 150 मकान फर्जी तरीके से बेच दिए थे। तब इन घरों को तोड़कर लोगों को बेघर कर दिया गया था। इस मामले में मुश्ताक जेल में भी रहा। उसके बाद सीमेंटेड रोड बनाई गई तो ठेले, गुमटियां और सैकड़ों पक्की दुकानें लग गई।  इसी मार्ग से टैंकर, डंपर और अन्य भारी वाहन भी गुजरते हैं।

 

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