हथियारों का खुलेआम प्रदर्शन
एजेंसी/ भोपाल। “गुनाह को रोकना और गुनहगारों को ठोकना।” कुछ ऐसे स्टेटस के साथ इन दिनों पुलिसकर्मी हथियारों के साथ फेसबुक पर अपनी फोटो अपलोड कर रहे हैं। इस तरह के फोटो अपलोड करने वाले ज्यादातर पुलिसकर्मी वह हैं, जिनका चयन हाल ही में हुआ है। सोशल मीडिया में अपनी प्रोफाइल चमकाने के चक्कर में यह न सिर्फ पुलिस की छवि प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि कई ट्रेनिंग की लोकेशन सहित अन्य गोपनीय चीजें भी सार्वजनिक तौर पर उजागर कर रहे हैं।
हथियारों का खुलेआम प्रदर्शन
पुलिस ट्रेनिंग के दौरान पुलिसकर्मियों को जिन हथियारों से ट्रेनिंग दी जाती है, उन हथियारों के जखीरों के साथ पुलिसकर्मी अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं। इस तरह से हथियारों का प्रदर्शन गलत है, क्योंकि पुलिस किन हथियारों से ट्रेनिंग ले रही है उसका खुलासा नहीं किया जाता, वहीं पुलिसकर्मियों के इस रवैये से न सिर्फ विभाग की गोपनीयता भंग हो रही है, बल्कि उनके तमाम हथियारों की जानकारी भी सार्वजनिक हो रही है।
नियम तोड़ते हुए फोटो भी
दतिया में पदस्थ सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव ने निजी वाहन में नीली बत्ती लगा रखी है। यहीं नहीं यह तस्वीर उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट भी की है, जबकि सब इंस्पेक्टर को नीली बत्ती लगाने की पात्रता नहीं है, वहीं पुलिसकर्मी के ऐसे वाहनों के साथ भी फोटो है, जिनमें नंबर ही नहीं हैं। जानकारों की मानें तो इस तरह के नियम तोड़ते हुए यदि पुलिसकर्मी खुद ही अपना प्रदर्शन करेंगे तो आम जनता के बीच क्या संदेश जाएगा।
पुलिसकर्मी यदि हथियारों के साथ फेसबुक प्रोफाइल पर फोटो अपलोड कर रहे हैं तो यह गंभीर मामला है। मामले में कार्रवाई करेंगे, इस तरह की कितने प्रोफाइल हैं इसे जल्द ही दिखवाया जाएगा।