हथेली में तर्जनी उंगली के नीचे के स्थान को गुरु पर्वत कहते हैं। समुद्रशास्त्र के अनुसार यह स्थान व्यक्ति के जीवन में गुरु के प्रभाव को बताता है। गुरु धर्म, धन और व्यक्ति के चरित्र को भी दर्शता है। गुरु पर्वत दबा हुआ होना व्यक्ति के जीवन में आर्थिक पक्ष की कमजोरी को दर्शाता है, लेकिन अधिक ऊंचा होना उससे भी बड़ी स्थिति को बताता है।
समुद्रशास्त्र के अनुसार गुरु पर्वत का अधिक ऊंचा होना बताता है कि व्यक्ति जरुरत से अधिक खाने पीने का शौकीन होगा। साथ ही नशीले पदार्थों का भी आदि होगा। इसके कारण पेट संबंधी रोग और अपच की शिकायत हो सकती है।
ऐसा व्यक्ति धर्म कर्म के काम तो करता है, लेकिन जरुरत से अधिक दिखावा भी करता है। इस पर्वत पर क्रॉस के चिन्ह या जाली होने पर भी व्यक्ति बहुत अधिक खाने पीने वाला होता है। जिनके गुरु पर्वत पर जाली या क्रास का चिन्ह होता है उन्हें भी धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।