भोपाल : हनीट्रैप मामले में इंदौर पुलिस की गिरफ्त में आई सागर की श्वेता जैन और छतरपुर की आरती दयाल के सागर में संदिग्ध चरित्र की महिलाओं से ताल्लुकात थे। सूत्रों के अनुसार, ये दोनों महिलाएं भोपाल या अन्य शहरों से सागर किसी दौरे या अन्य काम से आने वाले लोगों को हवाला की तर्ज पर सागर में ही लड़कियां उपलब्ध करा देती थी। इन दोनों से सागर में मकरोनिया के नरसिंहपुर रोड स्थित एक कॉलोनी में रहने वाली महिला से लेकर ढाना की एक महिला से टाई-अप रहा है। श्वेता जैन को करीब से जानने वालों के अनुसार, सागर में ये लोगों को दो तरीके से लड़कियां उपलब्ध कराती थीं। एक तरीका ये था कि मकरोनिया-ढाना निवासी अपनी इन दो एजेंट को भोपाल में पेमेंट प्राप्त होने का बोलकर लड़कियां उपलब्ध कराने के लिए कहती थीं। बाद में वे विभिन्न माध्यम से सागर की महिला एजेंट को राशि पहुंचवा देती थीं। दूसरा तरीका यह था कि ये बाहरी शौकीनों को सागर पहुंचने पर इन स्थानीय एजेंट्स से संपर्क करा देती थीं। सूत्रों के अनुसार इनमें मकरोनिया में रहने वाली महिला काफी हाईप्रोफाइल जिंदगी जीती रही हैं। उसके संबंध शहर के राजनीतिक व उद्योग जगत के लोगों से रहे हैं।
ढाना की महिला ग्रामीण अंचल की लड़कियों का ग्रुप बनाकर देह व्यापार कराने की संदेही रही है। छतरपुर में अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराने के बाद सुर्खियों में आई आरती दयाल भोपाल-इंदौर के अलावा खजुराहो को अपना गढ़ बनाना चाहती थी। वह मकरोनिया-ढाना की इन दोनों एजेंट्स के संपर्क में भी थी। दोनों महिलाओं ने धीरे-धीरे यहां से लड़कियों के परिजनों को एनजीओ में काम करने के नाम पर पहले भोपाल और फिर छतरपुर में भेजना शुरू कर दिया, लेकिन छतरपुर शहर छोटा होने व अन्य कारणों से उन्होंने आरती दयाल से किनारा करना शुरू कर दिया। हनी ट्रैप मामले में मुख्य अभियुक्त आरती दयाल सहित चार अन्य अभियुक्तों को एसआईटी रिमांड पर लिए हैं। इन सभी आरोपियों से पुलिस एक साथ सवाल, जवाब करना चाहती है। आरती दयाल को न्यायालय ने एक अक्टूबर तक के लिए पुलिस रिमांड पर दिया है।