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हनुमान गए थे लंका जलाने, गफलत में रावण की धोती जली, हुआ खाक

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दस्तक टाइम्स/एजेंसी- मध्यप्रदेश: इंदौर। हनुमान गए थे लंका जलाने, गफलत में रावण की धोती भी जल गई। राम को अग्निबाण चलाने का मौका ही नहीं मिला और मिनटभर में दशानन खाक हो गए। वहीं दशहरे पर अनुमानित 750 से ज्‍यादा चार पहिया वाहन और तीन हजार दो पहिया वाहन बिके।

दशहरा महोत्सव समिति ने दशहरा मैदान के 111 फीट के रावण के दहन के लिए इस बार रात 7.30 बजे का समय तय किया था। महू नाका से निकली भगवान राम की शोभायात्रा और अतिथि 7 बजे से पहले ही पहुंच गए। इसके बाद रंगारंग आतिशबाजी हुई और 7 बजे लंका के साथ रावण दहन हो गया।
 
दशहरा महोत्सव समिति के उपाध्यक्ष सुरेश मिंडा ने कहा कि वानर सेना के जल्द आने और लंका के साथ रावण में भी आग लग जाने के कारण समय से पहले रावण दहन हो गया। उपाध्यक्ष प्रहलाद शर्मा और महामंत्री नारायण सिंह ने बताया कि लंका के साथ ही रावण में आग लग गई, इसलिए राम को अग्निबाण चलाने का मौका नहीं मिल पाया। कार्यक्रम स्थल पर महापौर मालिनी गौड़, पं. कृपाशंकर शुक्ला, शोभा ओझा, प्रमोद टंडन आदि मौजूद थे।
 
स्कीम 78 के मैदान में रावण दहन करीब एक घंटा देरी से हुआ। यहां भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बिहारी लोगों से अनुरोध किया कि उनके जो नाते-रिश्तेदार बिहार में हैं, उन्हें भाजपा को वोट देने को कहें। नेताओं के समर्थकों की भीड़ में राम, लखन और हनुमान पीछे छूट गए। नेताओं और समर्थकों ने ही रावण दहन कर दिया।
 
जीपीओ मैदान में रावण करीब 8.45 बजे जला। पूर्व विधायक व संयोजक तुलसी सिलावट ने कहा कि करीब 40 वर्ष से यहीं रावण जला रहे हैं, लेकिन अगले साल देखते हैं, इसे कहां ले जाना पड़े।
 
पानी फेंकता रहा रावण
 
उषागंज छावनी में एकता सहयोग समिति द्वारा गोल्डन रावण बनाया गया था। रावण ने दोनों हाथों से पानी भी फेंका।
 
पहले लंका जली, फिर रावण
 
चिमनबाग में रात 8.25 बजे रावण दहन हुआ। 51 फीट ऊंचे रावण से पहले लंका जलाई गई।
 
तिलक नगर स्कूल मैदान में रात ठीक 8.20 बजे रावण राम-राम कहते हुए जला। इसके पहले आतिशबाजी और बैंड की प्रस्तुति हुई। रावण बार-बार ‘भीड़ में कहां छुपे हो राम, मेरे सामने आओ’ कह रहा था। पेटलावद हादसे का हवाला देते हुए इस बार आतिशबाजी के लिए देवास से छोटे खां नहीं आए पाए। स्थानीय कलाकारों ने ही आतिशबाजी की।
 
 

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