हप्ते में कम से कम एक बार दहाड़ेमार कर जरुर रोये, फिर फायदे देख चौंक जाएंगे आप
हेल्दी लाइफ के लिए अच्छी डाइट, मॉर्निंग वॉक, समय पर सोना और एक्सरसाइज जैसी चीजें जरूरी हैं. पार्क में घूमते हुए आपने कई बार लोगों को जोर-जोर से हंसते हुए या योग करते हुए देखा होगा. हम लोगों को बचपन से सिखाया जाता है कि स्वस्थ्य जीवन के लिए खुश रहना और अच्छा खानपान जरूरी है. अगर कोई आपसे कहे कि एक बेहतर और टेंशन फ्री लाइफ के लिए हंसने, घूमने और अच्छी डाइट के अलावा रोना भी जरूरी है तो आपको कैसा लगेगा? वो दहाड़ेमार कर रोना.
आप भी सोच रहे होंगे कि तनाव मुक्त जिंदगी के लिए आखिर रोना किस तरह से मदद कर सकता है. जी हां..आपने सही पढ़ा..अब टेंशन फ्री लाइफ के लिए रोना भी आपको भरपूर मदद दे सकता है. रोने का लाभ उतने ही फायदेमंद है जितना एक अच्छी नींद, अच्छी डाइट और व्यायाम और एक कप कॉफी दे सकती है.
जापान में टीयर टीचर (Tear Teacher) के नाम से मशहूर हिदेफी योशिदा पेशे से टीचर रहीं हैं. जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हिदेफी ये दावा करती हैं सुकून भरी लाइफ के लिए रोना भी जरूरी है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि आप अपना समय रोने में ही गंवा दें. उनका दावा है कि ये हफ्ते में कम से कम एक बार खूब जोर जोर से गोने पर लोगों को तनाव से छुटकारा में मदद मिल सकती है.
1981 में अमेरिका में मिनसोटा यूनिवर्सिटी में डॉ. विलियम फ्रे ने टीयर एक्सपर्ट(Tear Expert) नाम से एक रिसर्च की गई जिसमें पाया गया कि रोने से मन को सुकून मिलता है. जब इस रिसर्च की रिपोर्ट की बारीकी से स्टडी की गई तो सामने आया कि रोने के दौरान हमारे ब्रेन में एंडोर्फीन नामक हॉर्मोन रिलीज होता जिससे हम खुश और तनावमुक्त महसूस करते हैं.
जापान की हिदेफूमी योशीदा लोगों को रोना सिखाती हैं जिससे उनकी जिंदगी में खुशहाली आ सके. योशीदा इस विषय पर कई लेक्चर और वर्कशॉप भी आयोजित कर चुकी हैं. 43 साल की योशीदा जापान के लोगों को तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए रोने की सलाह देती हैं. वह बताती है कि लाभ के मामले में रोना, हंसने और सोने से कहीं अधिक बेहतर है. उन्होंने बताया कि इमोशनल गाने सुनने, या कोई रुला देने वाली बुक पढ़ने से हमारे दिमाग को सुकून का एहसास होता है जिससे हॉर्ट बीट थोड़ी धीमी हो जाती हैं जिससे तनाव मुक्त होने में मदद मिलती है.
वह कहती हैं अगर आप हफ्ते में एक बार रोते हैं तो आप हंसने और सोने से अधिक लाभ ले रहे हैं. उन्होंने टोक्यो में टोहो यूमिवर्सिटी के मेडिसिन फैकल्टी के डॉ. विलियम फ्रे के साथ मिलकर लोगों को रोने के फायदे बताने का फैसला किया है. सितंबर महीने में उन्होंने जापान के एक स्कूल में 79 बच्चों को एक फिल्म दिखाई की जिसके बाद उन्होंने बच्चों से फिल्म के बारे में उनका फीडबैक मांगा.