हमने दिखाई उत्तर प्रदेश को विकास की राह :अखिलेश यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में आने के प्रति आश्वस्त मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पांच वर्ष के कामकाज को लेकर आत्मविश्वास से भरे नजर आते हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस से गठबंधन ने उन्हें और मजबूत किया है। बातचीत में वह इस बात पर जोर देते हैं कि हमने यूपी को विकास की पटरी पर डाला है और जनता इसे देख रही है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बसपा अध्यक्ष मायावती पर कटाक्ष करने से भी नहीं चूकते।
अपने व्यस्त चुनावी दौरे के बीच ही समय निकालकर मुख्यमंत्री अखिलेश ने बातचीत शुरू की तो सिलसिला प्रदेश के पूराने हालातों से निकालकर आगे की संभावनाओं तक बढ़ता गया। वह कहते हैं कि भाजपा और बसपा दोनों ही हमसे घबराए हुए हैं, क्योंकि हमने काम किया है। युवाओं को नौकरियां दी हैं, कर्मचारियों को बिना भेदभाव प्रोन्नति दी है। सूबे में महिलाएं सुरक्षित हैं। उनके लिए वूमेन पावर लाइन है। सड़कें आप देख ही रहे हैं, आगरा एक्सप्रेस-वे तो मील का पत्थर है। मेट्रो का काम भी तेज ही है। उतना काम हुआ जितना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ। साथ ही सवाल भी दागते हैं-‘आप बताओ, किसने इतना काम किया।
पांच वर्ष के शासन ने युवा मुख्यमंत्री को और परिपक्व बनाया है। इसी कारण वह कुनबे की कलह पर बात करते हुए रंचमात्र भी नहीं हिचकते, लेकिन पटाक्षेप भी जल्द ही करते हैं-‘हम अब उससे आगे आ गए हैं। अब चुनाव पर पूरा ध्यान है। प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हैं कि भाजपा यह भ्रम फैला रही। हमने पुलिस व्यवस्था में बड़े सुधार किए हैं और फिर उन्हें गिनाने भी लगते हैं कि यूपी-100 पर सिर्फ अस्सी दिनों में साढ़े चार लाख से अधिक शिकायतें आईं।
अखिलेश मानते हैं कि कांग्रेस से गठबंधन पूरी तरह राजनीतिक है। हम अपने काम से चुनाव जीत रहे थे लेकिन गठबंधन ने इसे पक्का कर दिया। कहते हैं कि जब दो नौजवान साथ आए हैं, तो यूपी में कमाल करके भी दिखाएंगे। इस बात से इनकार करते हैं कि भविष्य में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के रिश्ते भी मधुर हो सकते हैं। साथ ही मायावती पर चुटकी भी-‘अब तो वह भी मूर्तियों और स्मारकों की बात नहीं कर रही हैं, विकास की बात कर रही हैं। यह भी हमारे काम ही असर है।
चुनाव हम जीतने जा रहे, मोदी ने कुछ काम किया हो तो बताएं
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बिल्कुल निश्चिंत हैं कि एक महीने बाद वह फिर सरकार बनाने जा रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि लोग सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर विश्वास करेंगे। इस भरोसे का कारण उन्हें अपने पिछले पांच साल के काम लगते हैं। उनका मानना है कि जनता तो वैसे ही उनकी पार्टी को काम के बूते चुनने जा रही है लेकिन, कांग्रेस के साथ आ जाने से यह संभावना अब और पुख्ता हो गई है।
अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में उन्होंने विधानसभा चुनाव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस से गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी से संभावित दोस्ती जैसे अनेक मुद्दों पर दैनिक जागरण के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ल से बात की। बरेली, बदायूं क्षेत्र में एक दिन में छह लगातार सभाएं करके लौटे अखिलेश यादव थके तो लगे रहे थे लेकिन, उनके उत्साह में कोई कमी नहीं थी। प्रस्तुत है बातचीत का ब्यौरा-
क्या अनुमान है आपका, किधर जाता लग रहा है यह विधानसभा चुनाव?
– हम जीत रहे हैं। आप देखियेगा।
इस आत्मविश्वास का कारण?
-हम सरकार बनाने के लिए लड़ रहे हैं। जनता खूब जान रही है कि समाजवादी पार्टी ने पिछले पांच साल में जो काम करके दिखाया, वह अभूतपूर्व है। लोग भी चाहते हैं कि काम की यही रफ्तार बनी रहे। यूपी को हमने विकास की पटरी पर डाला है। सपा की सरकार दोबारा बनेगी तो जो काम शुरू किए गए हैं, वे तेज होंगे। बहुत से नए काम किए जाएंगे।
लेकिन, विपक्ष ऐसा नहीं मानता। भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कह रही हैं कि आपके राज में कानून व्यवस्था का हाल बहुत खराब हो गया है?
-भाजपा वाले भला क्या कहेंगे। नए बने आगरा एक्सप्रेस वे पर जो भी एक बार चल लेगा, वह फिर सपा को ही वोट देगा। मैं तो कहता हूं कि प्रधानमंत्री को भी एक बार उस सड़क पर चलकर देखना चाहिए। फिर वह भी सपा को ही वोट देंगे। हमने नोएडा और लखनऊ में मेट्रो दी, कानपुर, बनारस, आगरा और मेरठ में इसका काम शुरू कराया। नर्सों की भर्ती की, पुलिस में भर्तियां की। सही बात तो यह है कि आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने उत्तर प्रदेश में इतना काम किया है। जो हमने करके दिखा दिया, कोई नहीं कर सका। इसी कारण हमें विश्वास है कि हम फिर सरकार बनाने जा रहे हैं। जनता काम देखती है और वह हमने करके दिया है।
…और कानून व्यवस्था? बाराबंकी, गोरखपुर में अभी फिर जघन्य हत्याएं हुई हैं। पुलिस वालों पर लगातार हमले हुए। अपराध तो बढ़े ही हैं?
-भाजपा दूसरे राज्यों से हमारी तुलना करती है। यह गलत बात है। वह भ्रम पैदा कर रही है। भाजपा वाले राज्यों मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपराध यूपी की तुलना में अधिक हैं लेकिन, भाजपा बड़ी चतुराई से उन्हें छुपा ले जाती है। मैं बताता हूं उसकी होशियारी। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो अपने आंकड़े जनसंख्या के हिसाब से देता है। चूंकि आबादी में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है, इसलिए हमारा ग्राफ खराब दिखने लगता है। फिर भी अगर हम बीसवें-बाइसवें नंबर पर हैं तो स्थिति बुरी नहीं। पुलिस को कुछ समय तो दोगे आप? दोषी अब पकड़े जा रहे हैं। हमने बहुत सुधार किया है और इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
मसलन, क्या सुधार किया है?
-पुलिस में ऐतिहासिक भर्तियां की गई हैं। प्रोन्नति तो भरपूर की गईं। 25-25 साल से एक ही पद पर जमे पुलिस कर्मियों को प्रोन्नत किया गया। रिक्त पद भरे गए हैं। सभी जिलों में यूपी 100 नंबर सेवा आरंभ की गई। इसके तहत पुलिस वालों को नई कारें दी गई हैं जिससे वे मौके पर जल्दी पहुंच सकें। इसका उद्देश्य है कि शिकायत दर्ज कराते ही पुलिस तत्काल पहुंचे। इस पर आने वाली शिकायतों का यह आलम है कि केवल 80 दिनों में लगभग साढ़े चार लाख लोगों ने फोन किया और उन्हें पुलिस सहायता भी मिली। यह असाधारण है।
विपक्ष का आरोप है कि आपकी सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल रही?
-हमारी सरकार ने वूमेन पावर लाइन 1090 सेवा शुरू की। यह बहुत कमाल की है। इस पर अपनी पहचान बताए बिना महिलाओं ने शिकायत की और उन्हें सहायता दी गई। इस पर बात करनी चाहिए विपक्ष को। मायावती बताएं उन्होंने क्या किया महिलाओं के लिए। हमने तो छह लाख बेटियों की मदद की है।
थानों और जिलों में की गई तैनातियों में भेदभाव और भ्रष्टाचार के आरोप लगे आपकी सरकार पर?
-बिल्कुल गलत बात है। गलत पोस्टिंग की कभी कोई शिकायत नहीं रही। हमने यूपी में इस मामले में भी पारदर्शी सिस्टम बनाया। हम पर जमीन कब्जे का आरोप लगा रहे। एकदम फर्जी बात है। कोई एक शिकायत आयी हो तो बताया जाए।
भाजपा-बसपा का यह भी आरोप है कि आपने किसानों और अल्पसंख्यकों के लिए केवल बातें कीं, ठोस काम नहीं किया?
-बहुत काम किया। इस बार सरकार बनने पर किसान बीमा योजना की राशि बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपये करेंगे।
आपको अपने काम पर बहुत भरोसा है। आपको लगता है कि जितना काम समाजवादी पार्टी ने किया, उतना कोई दल कभी नहीं कर सका। फिर अकेले चुनाव क्यों नहीं लड़े? सीटों में एक हिस्सेदार क्यों बढ़ाया?
-हम भी राजनीति करते हैं। हम तो काम के दम पर लौट ही रहे हैं वापस लेकिन, कांग्रेस के साथ आने से बात बिल्कुल पक्की हो गई। कंजूस के साथ दोस्ती भला कितने दिन चलेगी। हमारा दिल बड़ा है तो हमने कांग्रेस को भी साथ लिया। दो नौजवान साथ आए हैं तो यूपी में कमाल करके भी दिखाएंगे। गठबंधन इसलिए किया ताकि किसी को भ्रम न हो। लोग समझ लें कि हम ही सरकार बनाने जा रहे हैं। हां, भाजपा बताए कि उसने अब तक क्या किया।
फिर भी 2012 में 224 सीटें जीतने के बाद इस बार आप 105 सीटों पर नहीं लड़ रहे। इन पर कांग्रेस लड़ रही है?
-इससे कोई अंतर नहीं पड़ेगा। दोनों दलों के प्रत्याशी जीत कर आएंगे।
लखनऊ में गठबंधन की घोषणा के समय कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बसपा पर अपना रुख नरम रखा था। हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने भी बसपा को लेकर किसी संभावित गठजोड़ की बात की। क्या हो सकता है इस नरमी का कारण?
-देखिए, हम लोग सम्मान दे रहे हैं मायावती जी को। सब उन्हें बहनजी कहते हैं और मैं बुआ जी। कांग्रेस के लोग चाहें तो वे भी बुआ कहें। मैं तो उनका बहुत सम्मान करता हूं।
यह कहीं भविष्य में सपा-बसपा के किसी रिश्ते की बुनियाद तो नहीं?
-क्यों होगी। पत्थर की मूर्तियां नहीं लगवानी हैं हमें यूपी में। अब तो वह भी विकास की बातें करने लगी हैं। अब कैसे विकास याद आ रहा है उन्हें। मूर्तियों और स्मारकों की बात नहीं कर रही हैं वह तो यह भी हमारे काम ही असर है।
आपने कांग्रेस से दोस्ती की है। क्या आपको नहीं लगता कि इस गठबंधन का असल लाभ कांग्रेस ले जाएगी?
नहीं, ऐसा नहीं है। हम दोनों अगर जुड़े हैं तो एक दूसरे को बराबर अहमियत दी जा रही है। हमने आपस में संतुलन बनाकर रखा है। चारों तरफ हमारी बढ़त है।
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस का परंपरागत वोटर आपके साथ जाने का मन नहीं बना पा रहा जबकि आपका समर्पित वोट कांग्रेस को ट्रांसफर होने में कठिनाई नहीं होगी। इससे कांग्रेस तो मजबूत हो रही लेकिन, सपा को शायद उतना लाभ न मिले?
-ऐसा बिल्कुल भी नहीं। हमने मिलकर लडऩे का निर्णय किया है और समय बताएगा हमारा फैसला कितना सही था।
लेकिन, ग्राउंड पर अब भी भ्रम है। ऐसी कई सीटें हैं जहां कांग्रेस और सपा के प्रत्याशी आमने-सामने हैं और दोनों में कोई भी हटने को तैयार नहीं?
-हां, यह बात हमारे ध्यान में है लेकिन, इसे ठीक कर लिया जाएगा। जिन चरणों में यह मुश्किल आ रही है, वहां चुनाव अभी दूर है। उसके पहले ही प्रत्याशियों को समझाकर बैठा दिया जाएगा। जहां जिस भी दल का जो उम्मीदवार मजूबत होगा, वही लड़ेगा। यह हमारे गठबंधन की भीतरी बात है, लिहाजा हम इसे सही कर लेंगे।
राहुल गांधी ने आपको अच्छा लड़का कहा। अब आप साथ चुनाव लड़ रहे हैं। कैसे रिश्ते हैं उनसे आपके?
अच्छे हैं। लोकसभा में तो हम लोग एक दूसरे को बहुत पहले से जानते आए हैं। अब साथ-साथ काम करने का अवसर मिलेगा।
पिछले दिनों आपका पारिवारिक विवाद काफी चर्चा में रहा। आम लोगों में इसको लेकर दो तरह की बातें चलती हैं। कुछ कहते हैं कि यह सब प्रायोजित था जबकि वहीं कुछ लोग मानते हैं कि नहीं, कलह सही थी। सच क्या है?
-जो हमारे विरोधी हैं, केवल वही इसे नकली मानते हैं। वैसे मेरे लिए यह विवाद अब खत्म हो चुका है। मैं सबकुछ भूलकर आगे बढ़ गया हूं। सामने चुनाव है और मुझे अब वही दिख रहा है। हम चुनाव जीतेंगे तो सबका सम्मान बढ़ेगा।
केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने अभी लखनऊ में आरोप लगाया कि यूपी में एलईडी घोटाला हुआ है। उनका कहना था कि सपा सरकार और केंद्र में संप्रग सरकार 310 रुपये में एक एलईडी बल्ब खरीदते थे जबकि वही बल्ब भाजपा ने 38 रुपये में खरीदा?
पीयूष गोयल घबरा गए हैं। मैंने यूपी में चौबीस घंटे बिजली दे दी तो उन्हें अब मुद्दा नहीं सूझ रहा। उन्होंने तो 15 अगस्त को प्रधानमंत्री से लालकिले से झूठ बुलवा दिया। उनके ही कहने पर प्रधानमंत्री यह गलत बात बोल गए कि अलीगढ़ के एक गांव में आजादी से अब तक बिजली नहीं पहुंची जबकि वहां छह साल पहले बिजली पहुंच गई थी। बिजली के उत्पादन और वितरण में हमारी सरकार का रिकार्ड बहुत शानदार व ऐतिहासिक रहा है। जितने सब स्टेशन इस बार बने, उतने पहले कभी नहीं बने थे। यह भी पहली ही बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री ने दो हजार मेगावाट के बिजली संयंत्र का शिलान्यास किया हो और फिर उसी ने उद्घाटन भी किया। पीयूष गोयल एलईडी की क्या बात करते हैं। बहुत एलईडी मैंने बांट दिए।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया?
मैं तो कहता हूं कि मोदी जी मन की बात न करके अब काम की बात करें। वह यह कब करेंगे। इतने दिन हो गए उनकी सरकार को लेकिन, यदि उन्होंने कहीं कोई काम किया हो तो बता दें। लखनऊ, कानपुर या बनारस कहीं कुछ भी किया हो तो हमें बताया जाए। उन्होंने बनारस में एक गांव गोद लिया लेकिन, हमारी सरकार ने तो जाने कितने ही गांवों का कायापलट कर दिया। असल में वह हमसे घबरा गए हैं। उन्हें लग रहा है कि सपा और कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आने वाला है। अगर उनकी दृष्टि में हमारी कोई अहमियत नहीं तो अपनी हर सभा में वह हमारा नाम क्यों लेते हैं। केवल मोदी जी ही नहीं, उनकी पार्टी का हर नेता केवल सपा-कांग्रेस गठबंधन का नाम लेता है। किसलिए? उन्होंने तो नोटबंदी करके लोगों को लाइन में लगवा दिया। अब उन्हें देश को बताना चाहिए कि कितना काला धन वापस आया। कितने नकली नोट पाकिस्तान से आए और कितने बिना टैक्स दिए कितना पैसा जमा हुआ। उन्हें बताना चाहिए कि नोटबंदी ने कारोबार को कितना नुकसान किया। लाखों-करोड़ों किसान बर्बाद हो गए नोटबंदी से। पिछले दो वर्षों से उत्तर प्रदेश की विकास दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही है। हमारी सरकार के काम के ही बूते तो यह हुआ।
मध्यवर्ग में आपकी पैठ बढ़ी है लेकिन, इससे आपका परंपरागत वोटर कहीं छिटक तो नहीं गया?
-कतई नहीं। सभी वर्ग हमारे साथ हैं और मेरी यह बात चुनाव परिणाम साबित करेगी।
अपना मुख्य मुकाबला आप किस पार्टी से मान रहे हैं? भाजपा या बसपा?
दोनों ही दल हमसे घबराए हुए हैं इसलिए अपनी चिंता वे करें, हम तो आगे चल रहे हैं।